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दिवाली की शाम एक घंटे के लिए खुलेगा शेयर बाजार,जानें- मुहूर्त ट्रेडिंग के बारे में 

इस बार दिवाली 4 नवंबर को है, और इस दिन शेयर बाजार बंद रहेगा, उसके अगल दिन 5 नवंबर को भी दिवाली बलिप्रतिपदा होने की वजह भारतीय बाजार में कारोबार नहीं होगा. लेकिन दिवाली के दिन हर वर्ष की तरह इस बार भी मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading 2021) का आयोजन किया जाएगा. 

 मुहूर्त ट्रेडिंग की खासियत मुहूर्त ट्रेडिंग की खासियत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST
  • शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा बेहद पुरानी
  • मुहूर्त ट्रेडिंग पर ज्यादातर निवेशक खरीदते हैं शेयर

इस बार दिवाली 4 नवंबर को है, और इस दिन शेयर बाजार बंद रहेगा, उसके अगल दिन 5 नवंबर को भी दिवाली बलिप्रतिपदा होने की वजह भारतीय बाजार में कारोबार नहीं होगा. लेकिन दिवाली के दिन हर वर्ष की तरह इस बार भी मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading 2021) का आयोजन किया जाएगा. 

एक घंटे के लिए खुलेगा शेयर बाजार

दरअसल दीपावली पर शेयर बाजार (Share Market) बंद होने के बावजूद शाम में एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन होता है. इस बार दीपावली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. 

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इस बार दीपावली के साथ संवत् 2077 शुरू होने जा रहा है. एक्सचेंजों के मुताबिक 4 नवंबर को शाम 6:15 से 7:15 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि 4 नवंबर को शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है. इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं. 

मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है. निवेशक इस शुभ मौके पर वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं, और उसे लंबे समय तक रखते हैं. माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि इस मौके पर किया गया निवेश फायदा देता है. हालांकि इस मौके पर भावनाओं में आकर ओवर वैल्यूड शेयरों की खरीदारी से बचना चाहिए.
 
कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं. बीएसई (BSE) पर पहली बार साल 1957 में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी. जबकि एनएसई (NSE) में साल 1992 से इसकी शुरुआत हुई. 

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क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग 
कारोबारी दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की खास आराधना करते हैं और इस दिन अपना काम बंद नहीं करते, बल्कि अपना काम और निष्ठा से करते हैं और नए कारोबार की शुरुआत करते हैं. ऐसा माना जाता है कि दिवाली के शुभ दिन किसी कारोबार की शुरुआत से साल भर बरक्कत हो सकती है. दिवाली से ही हिंदू लेखा वर्ष संवत की शुरुआत होती है और कारोबारी इस दिन अपने बहीखाते की पूजा करते हैं. शेयर बाजार में भी ब्रोकर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले बहीखातों की पूजा करते हैं जिसे 'चोपड़ा पूजा' कहते हैं. 

 

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