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अपने पैन कार्ड पर दर्ज 10 नंबरों का मतलब जानते हैं आप? इन बातों का देते हैं संकेत

पैन कार्ड (Pan Card) पर दर्ज नंबरों में आपकी पर्सनल डिटेल्स छिपी होती हैं. हर अक्षर का अलग मतलब होता है. आज के समय में किसी भी फाइनेंशियल काम के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है.

पैन कार्ड पर दर्ज नंबरों का क्या मतलब होता है? पैन कार्ड पर दर्ज नंबरों का क्या मतलब होता है?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

आज के समय पैन कार्ड (Pan Card) हमारी पहचान के सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक है. इसके बिना कोई भी वित्तीय लेन देन का काम संभव नहीं है. बैंक में अकाउंट खोलने से लेकर डीमैट अकाउंट खोलने तक में इसकी जरूरत पड़ती है. साथ ही इसका आपके आधार कार्ड से लिंक (Pand Aadhaar Link) होना भी जरूरी है. पैन कार्ड में हमारी कई अहम जानकारियां दर्ज होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैन कार्ड में दर्ज 10 अंकों का क्या मतलब होता है और ये आपके लिए कितना महत्वपूर्ण होता है?

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अल्फाबेट और न्यूमेरिकल का मिश्रण

किसी भी पैन कार्ड में दर्ज 10 नंबरों में से पहले तीन कैरेक्टर्स अल्फाबेटिकल होते हैं. आयकर विभाग पैन नंबर जारी करने के लिए खास प्रोसेस का इस्तेमाल करता है. आपके पैन कार्ड पर दर्ज 10 नंबर अल्फाबेट और न्यूमेरिकल डिजिट का मिश्रण होते हैं. अल्फाबेटिक सीरीज में AAA से लेकर ZZZ तक में अंग्रेजी के किसी भी तीन अक्षर की सीरीज आपके पैन कार्ड पर दर्ज हो सकती है. पैन कार्ड के पहले पांच कैरेक्टर हमेशा अक्षर होते हैं और अगले चार कैरेक्टर नंबर होते हैं और आखिर में फिर एक अक्षर होता है. 

किस बात के संकेत देते हैं अक्षर

आपके पैन कार्ड में दर्ज चौथा अल्फाबेट इस बात का संकेत होता है कि आप आयकर विभाग की नजर में क्या हैं. अगर आप इंडिविजुअल हैं, तो आपके पैन कार्ड के चौथा अल्फाबेट 'P' दर्ज होगा. इसी तरह हर कैरेक्टर का अलग-अलग मतलब होता है. अगर पैन पर F लिखा हो, तो वो इस बात का संकेत है कि नंबर किसी फर्म का है. अगर T दर्ज है, तो ट्रस्ट, H है तो अविभाजित हिन्दू परिवार, B से बॉडी ऑफ इंडिविजुअल, L से लोकल, J से आर्टिफिशियल ज्यूडिशियल पर्सन और G से गवर्नमेंट का पता चलता है.  

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फाइनेंशियल कामों के लिए जरूरी

पैन कार्ड पर दर्ज पांचवा अक्षर सरनेम का पहला अक्षर होता है. मान लीजिए की किसी का नाम राहुल कुमार है, तो पांचवा अक्षर K होगा. इसके बाद चार रैंडम नंबर दर्ज होते हैं. फिर आखिरी में एक अल्फाबेट होता है. पैन कार्ड से किसी भी व्यक्ति के लिए फाइनेंशियल कामों के लिए बेहद जरूरी है. पैन कार्ड पर दर्ज नंबर बेहद ही अहम होते हैं. इसलिए बैंक या सरकारी एजेंसियां इन्हें किसी के साथ शेयर नहीं करने की सलाह देती हैं.

पैन से आधार को लिंक करने की डेडलाइन

सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाकर 30 जून 2023  कर दिया है. यानी आप 1000 रुपये की लेट फीस के साथ 30 जून तक अपने पैन को आधार से लिंक करा सकते हैं. अगर आपका पैन कार्ड डिएक्टिवेट हो जाता है और आप इसका इस्तेमाल किसी भी फाइनेंशियल कार्य के लिए दस्तावेज के रूप में करते हैं तो आपके ऊपर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 272B के तहत इतने जुर्माना का प्रावधान है. 

 

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