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Interest on PF: साढ़े 6 करोड़ लोगों के लिए खुशखबरी, अगले महीने मिल सकता है ये पैसा

अभी पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर है. ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए पीएफ के ब्याज की दर 8.1 फीसदी तय की है. यह 1977-78 के बाद पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर है. इसे पहले 2020-21 में पीएफ पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था.

जल्द क्रेडिट होगा ब्याज जल्द क्रेडिट होगा ब्याज
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST
  • तय हो चुकी है पीएफ पर ब्याज की नई दर
  • एक दशक में सबसे निचले स्तर पर पीएफ का ब्याज

प्राइवेट सेक्टर (Pvt Sector) में नौकरी करने वाले करोड़ों लोगों को जल्दी ही ईपीएफओ (EPFO) से तोहफा मिलने वाला है. दरअसल पीएफ पर मिलने वाला ब्याज (Interest Rate on PF) पहले ही तय हो चुका है. अब इसके ऊपर सिर्फ वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की मुहर लगने की देरी है. इसके बाद कभी भी ईपीएफओ के मेंबर्स के पीएफ खाते (PF Account) में ब्याज क्रेडिट किया जा सकता है.

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नहीं हुआ है आधिकारिक ऐलान

खबरों के अनुसार, सरकार अगले महीने के अंत तक यानी 30 जून से पहले कभी भी पीएफ खाताधारकों को ब्याज का पैसा ट्रांसफर कर सकती है. हालांकि अभी इस बारे में न तो ईपीएफओ की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है, न ही सरकार ने कोई ऐलान किया है. चूंकि पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर तय हो चुकी है, ऐसे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब जल्दी ही उनके खाते में ब्याज का पैसा भी क्रेडिट हो जाएगा. इससे ईपीएफओ के साढ़े छह करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को फायदा मिलेगा.

अभी इतना कम मिल रहा है ब्याज

अभी पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर है. ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए पीएफ के ब्याज की दर 8.1 फीसदी तय किया है. यह 1977-78 के बाद पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर है. इसे पहले 2020-21 में पीएफ पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था. फिस्कल ईयर 2020-21 में पीएफ के ब्याज की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इससे ठीक एक साल पहले 2019-20 में इस ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी किया गया था.

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ऐसे होती है ईपीएफओ की कमाई

ईपीएफओ पीएफ खाताधारकों के खाते में जमा हुए पैसे को कई जगहों पर इन्वेस्ट करता है. इस इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूप में खाताधारकों को दिया जाता है. अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा डेट ऑप्शंस में इन्वेस्ट करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड भी शामिल हैं. बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ में लगाया जाता है. डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज तय किया जाता है.

 

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