
नरेंद्र मोदी सरकार होली (Holi 2022) से पहले 24 करोड़ पीएफ सब्सक्राइबर्स (EPF Subscribers) को होली गिफ्ट देने वाली है. दरअसल, अगले महीने EPFO फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए पीएफ पर ब्याज दर को (Interest Rate on EPF) लेकर फैसला करने वाली है. इसके लिए EPFO की निर्णय लेने वाली शीर्ष निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 11 और 12 मार्च को असम की राजधानी गुवाहाटी में बैठक होने वाली है. केंद्रीय श्रम मंत्री के मुताबिक इस अहम बैठक में ब्याज दरों के निर्णय का प्रस्ताव भी लिस्टेड है.
2020-21 में 8.5% का ब्याज
EPFO ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में अपने सब्सक्राइबर्स को 8.5 फीसदी का ब्याज दिया था. अब सैलरीड क्लास की निगाहें अगले महीने होने वाली बैठक पर लगी हुई हैं, जिसमें चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर का ऐलान होना है.
श्रम मंत्री ने नहीं दिया था कोई संकेत
संवाददाताओं ने जब लेबर मिनिस्टर यादव से सवाल किया था कि क्या EPFO पिछले वित्त वर्ष की तरह चालू वित्त वर्ष में भी 8.5 फीसद की ब्याज दर को कायम रखेगा, तो उन्होंने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था. उन्होंने कहा था, "यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा."
वित्त मंत्रालय से लेनी होती है हरी झंडी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में पीएफ फंड में जमा रकम पर ब्याज दर का फैसला किया जाता है. इसके बाद ब्याज दर से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है. इसके बाद वित्त मंत्रालय इस पर फैसला लेता है, जिसके बाद पीएफ खाताधारकों के अकाउंट में ब्याज की रकम क्रेडिट की जाती है.
नई पेंशन सिस्टम का हो सकता है ऐलान
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में 15,000 से ज्यादा बेसिक सैलरी पाने वालों के लिए नई पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) को लेकर फैसला हो सकता है. यह वर्ग लंबे समय से ज्यादा अंशदान पर ज्यादा पेंशन की मांग करता रहा है. ऐसे में रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीटी की बैठक में ऐसे कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लाई जा सकती है, जिनकी मंथली बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है और जो कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995 (ईपीएस-95) में अनिवार्य रूप से कवर नहीं हैं.