
2022 को हाल के बरसों में सबसे ज्यादा महंगाई वाले साल के तौर पर याद रखा जाएगा. इस महंगाई को कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में कई बार बढोतरी की गई. ये ट्रेंड अकेले भारत में नहीं देखा गया बल्कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाने में जरा भी कंजूसी नहीं की. अब कई दिग्गज रिसर्च एजेंसियों की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो सकती है. इसका सीधा असर लोगों की नौकरियों और वेतन बढ़ोतरी पर पड़ेगा. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं वो तरीके जिनसे आप नए साल में पैसा बचाने में सफलता हासिल कर सकते हैं, क्योंकि मंदी के दौर में आपका खुद का पैसा ही आपको आर्थिक संकट से बचाएगा.
भरोसेमंद निवेश विकल्पों का इस्तेमाल करें
2023 में निवेश के लिए लोगों को 2022 की कुछ घटनाओं को देखना जरूरी है. अक्सर लोग दूसरों के उदाहरण सुनते और आजमाते हैं और फिर पैसा लगाकर गंवा देते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मिसाल रही है जिसने 2022 में लोगों को मोटा नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में किसी भी अनिश्चित निवेश से बचना बेहद जरूरी है. वैसे भी जिस तरह से 2022 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती रही है और 2023 में इसका रुकने के आसार नहीं है उसे देखते हुए बैंक एफडी निवेश के लिहाज से एक बेहद उपयुक्त विकल्प बनकर उभरी है. दिसंबर में हुई ब्याज बढ़ोतरी के बाद अधिकांश बैंकों ने एफडी पर 7 फीसदी से ज्यादा इंटरेस्ट रेट का ऐलान कर दिया है. जाहिर है ये एक तय रिटर्न है और इसमें किसी तरह का जोखिम भी नहीं है. खासकर जिस तरह से बाजार में नकदी संकट चल रहा है और कर्ज की डिमांड बढ़ रही है उसको देखते हुए बैंकों को डिपॉजिट को आकर्षक बनाना मजबूरी हो गया है. इसलिए उम्मीद है कि बैंक 2023 में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी को जारी रखेंगे जिससे लोगों को बैंक एफडी में निवेश के जरिए अच्छा रिटर्न मिल सकता है. सबसे बड़ी बात है कि ये निवेश एकदम सुरक्षित माना जाता है.
शेयर बाजार निवेश में हड़बड़ी ना करें
साल 2022 में पहले तो रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पैदा हुईं अनिश्चितताएं और फिर सप्लाई चेन ब्रेक होने से बढ़ी महंगाई ने शेयर बाज़ार में गिरावट का माहौल पैदा कर दिया था. इसके चलते इस साल IPO का मार्केट भी निवेशकों के लिए मायूसी भरा साबित हुआ. लेकिन साल के खत्म होते होते भारतीय शेयर बाज़ार लगातार तीसरे साल वैश्विक बाज़ारों के मुकाबले बढ़त के साथ बंद हुए हैं. साल की पहली छमाही में 53 हज़ार के न्यूनतम स्तर तक लुढ़कने के बाद शेयर बाज़ार ने जोरदार वापसी की और 10 हज़ार अंकों की छलांग लगाते हुए पहली बार 63 हज़ार का स्तर छू लिया. शेयर बाज़ार की इस जोरदार वापसी से साफ संकेत मिलता है कि कभी बाज़ार की गिरावट में हड़बड़ी या घबराहट दिखाते हुए अपनी रकम को निकालने की जल्दबाजी ना करें. सभी तरह के हालात में सब्र करें और गिरावट की स्थिति में मार्केट को समझकर निवेश करें जिससे दोबारा तेजी आने पर मुनाफा मिल सके.
पावर ऑफ कम्पाउंडिंग का इस्तेमाल करें
किसी भी निवेश पर मिलने वाले ब्याज को तो अक्सर महंगाई दर चट कर जाती है. ऐसे में साल दर साल बीतने के बावजूद मूल रकम या तो उतनी ही बनी रहती है या फिर कम हो जाती है. ऐसे में रकम बढ़ाने का अकेला ज़रिया ब्याज पर मिलने वाला ब्याज यानी पावर ऑफ कम्पाउंडिंग को ही माना जाता है. पावर ऑफ कम्पाउंडिंग का मूल सिद्धांत है जल्द से जल्द निवेश की शुरुआत करना. इससे ब्याज पर ज्यादा ब्याज मिलेगा और निवेशक को फायदा होगा. इसके अलावा जल्दी निवेश करने से लंबे समय तक निवेश करने का मौका मिलेगा, इससे भी रकम को बढ़ाने में मदद मिलेगी. लेकिन इसका फायदा उठाने से पहले अपना बजट तय कर लें और उस बजट के बाहर किसी भी सूरत में खर्च ना करें जिससे निवेश करने लायक रकम हमेशा बढ़ती जाए और इसके कम होने का खतरा कम किया जा सके.
कर्ज का बोझ घटाने का प्रयास करें
अगर निवेश के बाद भी आपके पास रकम का बंदोबस्त है तो फिर अपने मौजूदा कर्जों को कम करने का प्रयास करें. इस बीच जिस तरह से रेपो रेट 2 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ा है तो होम लोन की ब्याज दरें भी 2 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई हैं. इससे लोगों के बजट पर बड़ा असर हुआ है और उनकी EMI ने फाइनेंशियल प्लानिंग को तगड़ी चोट पहुंचाई है. ऐसे में जरुरी है कि लोग अतिरिक्त रकम से होम लोन का प्री-पेमेंट करके EMI का बोझ घटाएं. इससे भी 2023 में लोगों के हाथ में ज्यादा रकम बचेगी और इमरजेंसी फंड के साथ ये एक्स्ट्रा रकम किसी भी फाइनेंशियल क्राइसिस में उनको बड़ी मदद करेगा.
खराब निवेश से बाहर निकलें
इस साल महंगाई ने लोगों के घरों के मासिक बजट में बेतहाशा बढ़ोतरी की है. ऐसे में लोगों के पास रकम बचाने के रास्ते घट गए हैं. इसलिए अब ज़रुरी है कि लोग अपने मौजूदा निवेश की समीक्षा करें और अगर उनमें खास फायदा नहीं मिल रहा है तो फिर उनको खत्म करके ज्यादा फायदे वाले निवेश विकल्पों का रुख करें. उदाहरण के तौर पर अगर किसी घर के किराए से ज्यादा उसकी EMI भरनी पड़ रही है तो उसको बेचकर पैसा किसी ज्यादा रिटर्न वाले एसेट में लगाने पर विचार कर सकते हैं. इसी तरह अगर कोई शेयर बढ़ नहीं रहा है तो उसे बेचकर दूसरे भरोसेमंद शेयर में पैसा लगाना फायदेमंद रहेगा. अगर इसकी जानकारी नहीं है तो फिर म्यूचुअल फंड का रास्ता अख्तियार करना बेहतर है या फिर म्यूचुअल फंड की SIP में पैसा लगा देना चाहिए.