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GDP में भारी गिरावट:  अब क्या करना चाहिए शेयर बाजार निवेशकों को? जानें एक्सपर्ट की राय 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैसे तो जीडीपी के आंकड़ों का शेयर बाजार पर कोई खास असर नहीं होता, लेकिन अगले महीनों के लिए खासकर छोटे निवेशकों को बहुत सतर्क रहना चाहिए. शेयर बाजार की चाल पिछले कुछ महीनों में वैसे भी इकोनॉमी के विपरीत ही जाती दिख रही है. 

जीडीपी आंकड़ों का शेयर बाजार पर खास असर नहीं (फाइल फोटो: Reuters) जीडीपी आंकड़ों का शेयर बाजार पर खास असर नहीं (फाइल फोटो: Reuters)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली ,
  • 02 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST
  • जीडीपी में भारी गिरावट के बावजूद शेयर बाजार में तेजी
  • पिछले महीनों में शेयर बाजार पर जीडीपी कोई असर नहीं
  • जानकार कहते हैं कि ऐसे बाजार में सतर्क रहने की जरूरत है

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट से शेयर बाजार के बहुत से निवेशक सहम गये हैं. हालांकि ये आंकड़ा आने के बाद भी शेयर बाजार की सेहत पर कोई खास असर नहीं हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैसे तो जीडीपी के आंकड़ों का शेयर बाजार पर कोई खास असर नहीं होता, लेकिन अगले महीनों के लिए खासकर छोटे निवेशकों को बहुत सतर्क रहना चाहिए. 

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शेयर बाजार की चाल इकोनॉमी के विपरीत रही है 
शेयर बाजार की चाल पिछले कुछ महीनों में वैसे भी इकोनॉमी के विपरीत ही जाती दिख रही है. सरकार ने सोमवार को यह आंकड़ा जारी किया कि जून की तिमाही की जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट आई है. लेकिन इस आंकड़े के जारी होने के बाद भी भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को 272 अंकों की तजी आई.

कोरोना संकट की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था गर्त की ओर जा रही है, लेकिन शेयर बाजारों में तेजी आ रही है. जनवरी से मार्च की तिमाही में अमेरिका की जीडीपी में 4.8 फीसदी की गिरावट आ गई. लेकिन इसके बाद 18 मार्च से 17 जून, 2020 के दौरान अमेरिका के NASDAQ कम्पोजिट इंडेक्स में 41.8 फीसदी का भारी उछाल और S&P 500 में 27 फीसदी का उछाल आया है.

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वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी यानी मार्च की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 3.1 फीसदी था, जो 11 साल की सबसे धीमी दर है. लेकिन अमेरिका की तरह भारतीय शेयर बाजार भी मार्च में कुछ शुरुआती गिरावट के बाद पूरे लॉकडाउन में तेजी का माहौल रहा है. 23 मार्च से 12 जून के बीच 10 शेयरों में 75 फीसदी तक का जबरदस्त उछाल देखा गया. इस साल 17 जनवरी को सेंसेक्स अपनी ऐतिहासिक ऊंचाई 42,063 पर पहुंचा था, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में तिमाही-दर-तिमाही लगातार गिरावट देखी जा रही थी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट 
शेयर बाजार के जानकार और प्रॉफिटमार्ट के डायरेक्टर (रिसर्च) अविनाश गोरक्षकर कहते है, 'दुनिया के ज्यादातर देशों की जीडीपी में गिरावट आई है. जीडीपी में गिरावट का शेयर बाजार पर सीधा असर कोई देखा नहीं गया है. सभी को यह अनुमान है ​कि दिसंबर तक तो इकोनॉमी की हालत ऐसे ही रहने वाली है. कोरोना टीका आने के बाद ही माहौल थोड़ा बदल सकता है.

मुनाफावसूली कर लेना बेहतर 
उन्होंने कहा, 'अभी ऐसा मौका है कि जिन निवेशकों को शेयरों में मुनाफा दिख रहा है वे मुनाफावसूली कर लें. क्यों​कि शेयर बाजार कब गिरेगा कोई नहीं कह सकता है. नए निवेश के मामले में आपको थोड़ा सचेत रहना चाहिए, क्योंकि अभी शेयरों के दाम पीक पर हैं. इसलिए इनमें नुकसान होने की आशंका है. अगर कोई नया निवेश करना चाहता है तो वह थोड़ा रुक जाए तो बेहतर है. नवंबर में अमेरिका में चुनाव के बाद बाजार में बड़ी गिरावट भी आ सकती है अगर वहां सरकार बदलती है तो. सितंबर-अक्टूबर में थोड़ी मुनाफावसूली हो सकती है. लेकिन अगर मौके मिलते हैं तो अच्छे भाव पर अच्छे शेयरों में निवेश में कोई बुराई नहीं है.' 

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सोच-समझ कर करें निवेश 
गोरक्षकर ने कहा, 'बाजार थोड़ा बबल जोन में है. मार्च और अप्रैल में करीब 23 लाख लोग नए निवेशक बाजार में आए हैं. जो घर से बैठकर इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं जिनके पास पैसा है तो कहीं और मौका न होने से शेयर बाजार में ही निवेश पर दांव लगा रहे हैं. नकदी है लोगों के पास इसलिए बाजार में पैसा लगा रहे हैं, ग्राउंड लेवल पर फंडामेंटल में कोई बदलाव नहीं है. अगर बाजार कही पलटा तो ये लोग अटक जाएंगे. इसलिए छोटे निवेशकों को सचेत रहना चाहिए. आगे शेयर बाजार में मौके मिलेंगे. जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं चाहिए.'  

 

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