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भारतीयों के लिए सोना हमेशा से निवेश के पसंदीदा और पारंपरिक विकल्पों में शुमार रहा है. इसके साथ ही गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी बढ़ाने में महिलाओं का सबसे बड़ा रोल रहा है. सजने संवरने में काम आने वाले ये गहने वक्त बीतने के साथ-साथ अपनी कीमत में भी बढ़ोतरी करते जाते हैं. ऐसे में लोग ज्वैलरी को इस्तेमाल के साथ-साथ निवेश के नजरिए से भी खरीदते हैं.
लेकिन बीत चंद बरसों के दौरान निवेशकों का रुझान शेयर बाजार की तरफ भी तेजी से बढ़ा है. लोग शेयर बाजार में सीधे या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Fund) के जरिए पैसा लगा रहे हैं. ऐसे में नए निवेशक गोल्ड और शेयर बाजार में से किसी एक को चुनने को लेकर दुविधा में आ जाते हैं. इनके मन में सवाल होता है कि शेयर मार्केट और गोल्ड में से कहां पैसे लगाएं, जिससे उन्हें ज्यादा रिटर्न मिले. इस सवाल का सीधा जवाब इस साल गोल्ड और शेयर बाजार के रिटर्न देखकर आसानी से मिल जाता है.
शेयर मार्केट से ज्यादा गोल्ड में रिटर्न
दरअसल, 2024 में गोल्ड ने शेयर मार्केट से ज्यादा रिटर्न दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत 2 हजार 60 डॉलर से बढ़कर 2600 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है, यानी सोने की कीमत में इस साल करीब 26 फीसदी का उछाल आया है. वहीं अगर शेयर बाजार की बात करें तो इस साल अभी तक निफ्टी-50 करीब 16.60 फीसदी ही बढ़ा है.
ऐसे में ये साफ नजर आ रहा है कि इस साल अभी तक गोल्ड ने शेयर बाजार के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है. अगर जानकारों की मानें तो इस साल इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 2,640 डॉलर से लेकर 2,660 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है. आइए अब जान लेते हैं कि आखिर सोने की कीमत में बढ़ोतरी की वजह क्या है?
सोने में तेजी के ये कारण
भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और महंगाई में इजाफे से सोने की कीमतों में तेजी आ रही है. वहीं फेड की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के अनुमान से भी डॉलर कमजोर हो रहा है और सोने के दाम बढ़ रहे हैं. दुनिया भर के सभी केंद्रीय बैंक भी सोने की खरीद में तेजी ला रहे हैं. जिस महंगाई की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम बढ़ रहे हैं, उससे दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी यानी अमेरिका को लोग भी परेशान हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की एक-तिहाई आबादी के लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. जुलाई में 18 साल से बड़े 37.4 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके लिए परिवार का खर्च चलाने में दिक्कत हो रही है.
महंगाई से अमेरिका ही नहीं दुनिया के कई देश परेशान हैं. सबसे ज्यादा मुश्किल में अर्जेंटीना है, जहां महंगाई दर 237 फीसदी है. वहीं लंबे समय से गृह युद्ध की मार झेल रहा सीरिया 120 परसेंट महंगाई दर के साथ दूसरे नंबर पर है. इसके बाद तुर्की में 51.9 परसेंट, वेनेजुएला में 35.5 फीसदी, लेबनॉन में 35.4 परसेंट, बांग्लादेश में 11.66 फीसदी और पाकिस्तान में महंगाई दर 9.6 फीसदी है. भारत में महंगाई दर 3.65 फीसदी है और ये दुनिया में 19वें नंबर पर है. इस समय सबसे कम इन्फ्लेशन रेट 0.6 फीसदी चीन में है.