Advertisement

Gold Price: सोने की कीमतों में हो सकती है भारी बढ़ोतरी, कम हो रहा मार्केट में स्टॉक

Gold Price Hike: सितंबर में भारत का सोने का आयात एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी गिरकर 68 टन हो गया. वहीं, तुर्की के सोने का आयात 543 फीसदी बढ़ा. सोने की शिपमेंट में आई कमी की वजह से भारतीय बाजार में कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं.

सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं. सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST

त्योहारी सीजन में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. गोल्ड की कीमतें (Gold Price) उछलकर 51 हजार के आंकड़े के पार पहुंच गई हैं. आने वाले दिनों में गोल्ड के रेट (Gold Rate) और अधिक बढ़ सकते हैं. क्योंकि भारत में सोने की सप्लाई (Gold Supply In India) करने वाले बैंकों ने शिपमेंट कटौती की है. सोने की आपूर्ति करने वाले बैंकों ने चीन, तुर्की और अन्य बाजारों में अपनी शिपमेंट बढ़ाई है. उन्हें वहां बेहतर प्रीमियम की पेशकश की जाती है. त्योहारी सीजन के बाद भारत में शादियों की शुरुआत होती है. इस दौरान भी सोने की खपत अधिक रहती है. 

Advertisement

सोने का आयात हुआ कम

रॉयटर्स के अनुसार, तीन बैंक अधिकारियों और दो वॉल्ट ऑपरेटरों ने बताया कि भारत को मिलने वाले सोने की शिपमेंट कटौती हुई है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट है. सोने की शिपमेंट में आई कमी की वजह से भारतीय बाजार में कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं. इस वजह से खरीदारों को सोना खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है.

भारत को सोने की आपर्ति करने वालों में आईसीबीसी स्टैंडर्ड बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड शामिल हैं. ये तीनों ही प्रमुख रूप से भारत में सोनो की आपूर्ति करते हैं. आमतौर पर त्योहारी सीजन में पहले अधिक सोने का आयात होता है.

मार्केट से खत्म हो रहा स्टॉक

रॉयटर्स ने सूत्र के हवाले से लिखा कि अब स्टॉक में सोने का 10 फीसदी से भी कम हिस्सा बचा है. मुंबई के एक तिजोरी अधिकारी ने कहा कि इस समय स्टॉक में कई टन सोना होना चाहिए था. लेकिन हमारे पास केवल कुछ किलों ही बचा है. जेपी मॉर्गन, आईसीबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने सोने की शिपमेंट को लेकर टिप्पड़ी करने से इंकार कर दिया.

Advertisement

तुर्की और चीन दे रहे हैं अधिक कीमत 

भारत में अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतें बेंचमार्क पर प्रीमियम केवल एक से दो डॉलर हो गया है. वहीं, पिछले साल इस अवधि के दौरान चार डॉलर था. दूसरी तरफ चीन में 20 से 25 डॉलर तक प्रीमियम मिल रहा है. वहीं, तुर्की में 80 डॉलर तक प्रीमियम मिल रहा है. कोरोना महामारी के बाद से हटी सख्ती की वजह से चीन में सोने की मांग में तेजी आई है. दूसरी तरफ तुर्की में रिकॉर्ड महंगाई की वजह से सोने की डिमांड बढ़ी है.

बुलियन सप्लाई करने वाले एक प्रमुख बैंक के मुंबई के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक वहीं सोना बेचेंगे जहां उन्हें अधिक कीमत मिलेगी. चीन और तुर्की में खरीदार अभी बहुत अधिक प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं. उनकी प्रीमियम की तुलना भारतीय बाजार से नहीं की जा सकती.

सितंबर के महीने में गिरा सोने का इंपोर्ट

सितंबर में भारत का सोने का आयात एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी गिरकर 68 टन हो गया. वहीं, तुर्की के सोने का आयात 543 फीसदी बढ़ा. अगस्त में हांगकांग के माध्यम से चीन का शुद्ध सोने का आयात लगभग 40 फीसदी उछलकर चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. भारतीय बाजार में दिवाली और धनतेरस के दौरान सोने की बड़े स्तर पर बिक्री होती है.

Advertisement

हैदराबाद के बुलियन मर्चेंट कैप्सगोल्ड की प्रबंध निदेशक चंदा वेंकटेश ने कहा कि प्रीमियम अब बंद हो चुकी खामियों के कारण तेजी से कम हो गया था, जिसके कारण कुछ भारतीय व्यापारिक घरानों ने कम-टैरिफ प्लैटिनम मिक्सड मेटल के रूप में सोना आयात किया. इससे कुछ को कुछ को गोल्ड पर डिस्काउंट मिल गया.

 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement