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Startups के लिए फंड जुटाना होगा आसान, सरकार देगी 10 करोड़ तक के लोन की गारंटी, पढ़ें पूरी डिटेल

देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक नई स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत स्टार्टअप कंपनियों को अधिकतक 10 करोड़ रुपये का लोन बिना किसी गारंटी के मिल जाएगा, क्योंकि लोन की गारंटी सरकार खुद देगी. जानें कैसे Credit Guarantee Scheme for Startups (CGSS) स्कीम स्टार्टअप का काम आसान बनाएगी.

स्टार्टअप के लिए लोन लेना होगा आसान (Photo : Getty) स्टार्टअप के लिए लोन लेना होगा आसान (Photo : Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

भारत में इस समय दुनिया के उन टॉप देशों में शामिल है, जहां स्टार्टअप कल्चर बढ़ रहा है. 2022 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या भी 100 को पार कर चुकी है. ऐसे में सरकार ने एक अनोखी स्कीम शुरू की है, जिससे स्टार्टअप को फंड जुटाने में आसानी होगी. सरकार की क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप (CGSS) स्टार्टअप कंपनियों को 10 करोड़ रुपये तक का गारंटी मुक्त लोन मिल सकेगा.

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कहां से और किसे मिलेगा लोन?

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने सीजीएसएस का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके तहत कमर्शियल बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) या वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) से लोन पर सरकार गारंटी देगी. ये गारंटी प्रत्येक स्टार्टअप को अधिकतम 10 करोड़ रुपये के लोन पर दी जाएगी. लोन उन्हीं स्टार्टअप कंपनियों या इंडिविजुअल्स को मिलेगा जो DPIIT के गजट नोटिफिकेशन या समय-समय पर इसमें होने वाले बदलाव के मुताबिक स्टार्टअप की परिभाषा के दायरे में आएंगे. सरकार गारंटी दो तरह के लोन पर देगी.

लेनदेन की 80% राशि पर लोन गारंटी कवर

स्टार्टअप कंपनियों को 10 करोड़ रुपये तक के लोन पर सरकारी गारंटी दो तरह से मिलेगी. पहली ट्रांजेक्शन बेस्ड कवर गारंटी होगी. इसमें बैंक या एनबीएफसी स्टार्टअप को लोन गारंटी देंगे. इसमें सिंगल योग्य कर्जदार के आधार पर लोन गारंटी दी जाएगी. ऐसे में जिन स्टार्टअप का ओरिजिनल लोन 3 करोड़ रुपये तक होगा उन्हें 80% राशि पर ट्रांजेक्शन बेस्ड कवर मिलेगा. जबकि 3 से 5 करोड़ रुपये तक की लोन राशि वालों को 75% पर गारंटी कवर मिलेगा. वहीं 10 करोड़ रुपये तक के लोन वाले स्टार्टअप को 65% की राशि पर लोन गारंटी मिलेगी.

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आसान भाषा में समझें तो अलग-अलग लोन अमाउंट वाली स्टार्टअप कंपनियों को उनके ट्रांजेक्शन पर एक लिमिट तक ही लोन गारंटी कवर सरकार देगी.

वेंचर डेब्ट फंड के लोन पर गारंटी कवर

CGSS के तहत लोन पर अंब्रेला बेस्ड गारंटी भी मिलेगी. इसमें सेबी के एआईएफ नियमों के तहत रजिस्टर्ड वेंचर डेब्ट फंड (VDF) को गारंटी कवर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके हिसाब से वीडीएफ जिन योग्य स्टार्टअप कंपनियां को लोन देंगे, उन मामलों में उन्हें वास्तविक नुकसान पर गारंटी कवर मिलेगा. ये प्रत्येक कर्जदार के मामले में अधिकतम 10 करोड़ रुपये होगा.

स्टार्टअप को लोन देने के जोखिम की जांच

इस स्कीम को चलाने के साथ-साथ DPIIT एक मैनेजमेंट कमेटी और रिस्क एवोल्युशन कमेटी बनाएगी, जो स्कीम की समय-समय पर समीक्षा और निगरानी करेगी. नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड इस स्कीम का संचालन करेगी. देश में यूनिकॉन कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यूनिकॉन उन कंपनियों को बोला जाता है, जिनका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर या उससे अधिक होता है.

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