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दिल्ली-NCR में बनेगा एक नया शहर, 144 गांवों में बहेगी विकास की लहर... मिल चुकी है हरी झंडी!

उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर ने ग्रेटर नोएडा फेस-2 के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है. अब जल्द ही 40 गांवों की जमीन पर ग्रेटर नोएडा फेज 2 का निर्माण शुरू हो सकता है.

Greater Noida New City Greater Noida New City
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST

दिल्ली-NCR में ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) की अलग ही पहचान है. यहां पर अफोर्डेबल से लेकर लग्जरी घरों तक की भरपूर सप्लाई है. देश का पहला F-1 ट्रैक इस शहर के नजदीक है तो अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी यहां पर बनने के लिए तैयार है. आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चौड़ी सड़कों और बेहतरीन कनेक्टिविटी से लैस इस शहर की वर्ल्ड क्लास सिटी की पहचान अब ज्यादा मजबूत होने वाली है. 

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इसकी वजह है कि ग्रेटर नोएडा फेज 2 जिससे ना केवल इस शहर का शानदार विकास होगा, बल्कि ये दिल्ली-NCR के रियल एस्टेट सेक्टर को भी एक नई दिशा देगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर ने ग्रेटर नोएडा फेस-2 के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है. अब जल्द ही 40 गांवों की जमीन पर ग्रेटर नोएडा फेज 2 का निर्माण शुरू हो सकता है.

औद्योगिक विकास पर फोकस
इससे क्षेत्र के 144 गांवों में विकास की लहर बहेगी. इससे जुड़ी दूसरी डिटेल्स को देखें तो 55 हजार 970 हेक्टेयर भूमि पर ग्रेटर नोएडा फेस-2 विकसित किया जाएगा. इसका विस्तार गौतमबुद्ध नगर से लेकर बुलंदशहर के गुलावठी तक होगा. मास्टर प्लान में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़ और धौलाना के 144 गांवों को शामिल किया गया है. 

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इस शहर को बनाने से जुड़ी कुछ दूसरी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बात करें तो यहां पर कुल जमीन का 17.40 फीसदी हिस्सा रेजिडेंशियल स्कीम्स के लिए रिज़र्व किया गया है, जहां नए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे. 4.8 फीसदी जमीन को कमर्शियल हब और शॉपिंग सेंटर के लिए रखा गया है. सबसे ज्यादा 25.4 परसेंट जमीन इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स के लिए आरक्षित की गई है, जिससे उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलेगा. 

करीब 10.4 फीसदी जमीन पर यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे शिक्षण संस्थान बनाए जाएंगे. 13.2 फीसदी जमीन ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए रिजर्व की गई है, जिसमें मेट्रो और हाई-स्पीड ट्रेन जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. 22.5 फीसदी जमीन ग्रीन बेल्ट के लिए रिज़र्व की गई है जिससे पर्यावरण के संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी.

आखिरी मंजूरी का इंतजार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक मास्टर प्लान को ग्राम बोर्ड की बैठक में पास करने के बाद अब उत्तर प्रदेश के चीफ टाउन प्लानर की मंजूरी मिल चुकी है.  इसके बाद आखिरी मंजूरी के लिए प्लान को उत्तर प्रदेश कैबिनेट और दिल्ली-एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पास भेजा जाएगा. मास्टर प्लान के लागू होने से ग्रेटर नोएडा फेस-2 में  औद्योगिक और दूसरे विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी, जिससे इस इलाके का जबरदस्त विकास होगा. 

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी के मुताबिक शहर के विस्तार के साथ ही यहां पर रियल एस्टेट (Real Estate) की मांग भी तेजी से बढ़ी है. नई सुविधाएं, बेहतर कनेक्टिविटी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्र्क्चर से निवेशकों के लिए ये इलाका एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है. इस योजना के तहत ग्रेटर नोएडा फेज 2 में विकसित होने वाली सुविधाएं इसे दिल्ली-एनसीआर में सबसे आकर्षक निवेश स्थल बना सकती हैं.

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