
पेंशन को बुढ़ापे का सहारा माना जाता है. इसलिए सरकारें पेंशन (Pension) की तमाम स्कीमें चलाती हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने योग्य सदस्यों को हायर पेंशन को चुनने का ऑप्शन दिया है. अगर कोई हायर पेंशन (Higher pension) के विकल्प को चुनना चाहता है, तो इसके लिए तीन मई की डेडलाइन तय की गई है. लेकिन काफी लोगों के मन में इसको लेकर कई सवाल हैं. प्रोसेस से लेकर डॉक्यूमेंट्स तक को लेकर लोगों के बीच भारी कंफ्यूजन हैं. ऐसे में कोई भी योग्य सदस्य हायर पेंशन के ऑप्शन को कैसे चुन सकता है.
राशि ट्रांसफर करने को लेकर कंफ्यूजन
कर्नाटक एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और एडवोकेट बीसी प्रभाकर ने कहा कि पीएफ फंड से पेंशन फंड में राशि ट्रांसफर करने के लिए पीएफ अधिकारियों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में कोई स्पष्टता नहीं है. पीएफ फंड से पेंशन फंड में ट्रांसफर की जाने वाली राशि का कैलकुलेशन को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. इसलिए इसे चुनने वालों के बीच कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है.
कैलकुलेशन कैसे होगा?
इंडसलॉ में पार्टनर सौम्या कुमार ने कहा कि ईपीएफओ को इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि अगर नियोक्ता के पास पुराने वेतन रिकॉर्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स के संदर्भ में पूरी तरह से डेटा उपलब्ध नहीं है, तो ऐसी स्थिति में वो क्या करें. अगर कोई हायर सैलरी पर पेंशन का विकल्प चुनता है तो ईपीएफ से ईपीएस में ट्रांसफर होने वाली राशि का कैलकुलेशन किस तरह से किया जाएगा. इस पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है.
बढ़ाई गई थी डेडलाइन?
नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि जो कर्मचारी 01.09.2014 से पहले या 01.09.2014 को ईपीएफ का हिस्सा थे, लेकिन हायर पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर सके हैं वो चार महीने के भीतर नए ऑप्शन को चुन सकते हैं. इसके बाद आवेदन की डेडलाइन को बढ़ाकर तीन मई 2023 कर दिया गया. हालांकि, कर्मचारियों के लिए ज्वाइंट आवेदन की प्रक्रिया मुश्किल थी.
केरल उच्च न्यायालय ने EPFO से कहा था कि वो कर्मचारियों और पेंशनर्स को पूर्व सहमति का प्रमाण पत्र के बिना हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने की अनुमति दे और अपने ऑनलाइन सिस्टम में इसकी व्यवस्था करे. केरल उच्च न्यायालय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया गया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर ऑनलाइन सुविधा में उचित बदलाव की व्यवस्था नहीं किया जा सकता, तो हार्ड कॉपी जमा करने की अनुमति सहित उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.
हालांकि, एक्सपर्ट्स ने कहा कि ईपीएफओ ने केरल उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद कोई और निर्देश जारी नहीं किया है. इसके विपरीत, 23.04.2023 को अपने फील्ड अधिकारियों को भेजे गए इंटरनल लेटर में ईपीएफओ ने योजना के पैरा 26(6) के तहत ज्वाइंट ऑप्शन को अनिवार्य बताया है. बीसी प्रभाकर ने कहा कि ईपीएफओ बनाम सुनील कुमार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के संदर्भ में उच्च पेंशन का दावा करने के हकदार पेंशनभोगियों के सामने मुख्य समस्या ईपीएफ योजना की धारा 26 (6) के तहत संयुक्त विकल्प है.
कौन होगा हायर पेंशन के योग्य?
EPFO के सर्कुलर में कहा गया कि जिन कर्मचारियों ने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक सैलरी में कंट्रब्यूट किया था और EPS-95 के सदस्य होने के दौरान संशोधित योजना के साथ EPS के तहत ऑप्शन चुना था, वह हायर पेंशन के लिए योग्य होंगे. वहीं, योग्य सदस्य को बढ़े हुए लाभ के लिए अपने नियोक्ता के साथ ज्वाइंट रूप से आयुक्त द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र और अन्य सभी जरूरी दस्तावेजों जैसे ज्वाइंट घोषणा आदी आवेदन में करना होगा.
बता दें नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने Employees Pension (Amendment) Scheme 2014 को बरकरार रखा था. 22 अगस्त 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य सैलरी कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति माह किया गया था. इसके साथ ही मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स को EPS में उनके वास्तविक वेतन का 8.33% कॉन्ट्रीब्यूट करने की भी अनुमति दी थी.