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रतन टाटा के बाद कौन चलाता है Tata की 100 से ज्यादा कंपनियां? ऐसे लिए जाते हैं एक-एक फैसले

भले ही आजादी से पहले शुरू हुआ Tata Group देश की आर्थिक प्रगति में अहम रोल निभाने वाला रहा हो और इसका कारोबार दुनियाभर में फैला हो, लेकिन इसे नए मुकाम पर रतन टाटा (Ratan Tata) ने पहुंचाया है. 1991 में ग्रुप की कमान अपने हाथ में लेने के बाद इस समूह ने कई नए और बड़े आयाम स्थापित किए.

टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां
दीपक चतुर्वेदी
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

Tata ये नाम घर की रसोई से लेकर आसमान में सफर तक, हर जगह दिख जाएगा. नमक-मसाले हों या फिर पानी-चाय-कॉफी, घड़ी-ज्वैलरी या लग्जरी कार, बस, ट्रक और हवाई जहाज का सफर टाटा ग्रुप (Tata Group) का कारोबार हर क्षेत्र में फैला है. देश में इस 157 साल पुराने ग्रुप की 17 कंपनियां शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड हैं. 

ट्रेडिंग फर्म से हुई थी कारोबार की शुरुआत
आजादी से बहुत पहले साल 1868 में एक ट्रेडिंग फर्म से शुरू हुआ टाटा समूह देश के कुल जीडीपी में भी करीब दो फीसदी का भागीदार है. वित्त वर्ष 22 में टाटा समूह का कुल मार्केट कैप (Tata Group Market Cap) करीब 240 अरब डॉलर या करीब 21 ट्रिलियन रुपये है. रेवेन्यू की बात करें तो FY 2022 में यह करीब 128 अरब डॉलर है. जमशेतजी टाटा (Jamsetji Tata) के द्वारा खड़े किए गए इस विशाल कारोबारी सम्राज्य में करीब 9,35,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. 

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लंबे समय तक रतन टाटा के हाथ कमान
1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद लंबे समय तक अपनी काबिलियत की दम पर रतन टाटा (Ratan Tata) ने कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि की. रतन टाटा ने टाटा संस का चेयरमैन रहते हुए हर कंपनी को मुनाफे की कंपनी बनाने का काम किया. हालांकि, टाटा संस के अध्यक्ष पद से उन्होंने 2012 में ही इस्तीफा दे दिया था और अपने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के हाथों में कमान आ गई थी, लेकिन विभिन्न मुद्दों के चलते बोर्ड ने मिस्त्री को 2016 में पद से हटाने का मन बना लिया और उनके हटने के बाद रतन टाटा ने फिर से ग्रुप की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली. 

टाटा संस ग्रुप का मुख्य प्रमोटर
जनवरी 2017 में रतन टाटा ने रिटायरमेंट ले लिया और जब नटराजन चंद्रशेखरन (N Chandrashekaran) को टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. बात करें टाटा ग्रुप और इसकी कंपनियों की देख-रेख के बारे में तो, टाटा संस इस समूह का मुख्य प्रमोटर और प्रिंसिपल इन्वेस्टर है. टाटा सन्स में 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की है, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट, कल्चर जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है. रतन टाटा के इस्तीफा देने के बाद से ही चेयरमैन के रूप में एन चंद्रशेखरन ही ग्रुप की कंपनियों का संचालन देख रहे हैं. 

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ऐसे संभाली जाती हैं ग्रुप की कंपनियां 
टाटा ग्रुप की कंपनियों के काम-काज को संभालने की बात करें तो समूह की कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. भले ही उम्र के इस पड़ाव पर आने के उन्होंने कारोबार में सक्रिय रूप से भागीदारी से किनारा कर लिया है. लेकिन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी अभी भी रतन टाटा के पास है.

वहीं ट्रस्ट में विजय सिंह और मेहली मिस्त्री समेत अन्य ट्रस्टी शामिल हैं. टाटा ग्रुप में हाल ही में नई पीढ़ी की भी एंट्री हुई है. बीते दिनों टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट (Tata Medical Centre Trust) के बोर्ड ने रतन टाटा के भाई नोएल टाटा के तीनों बच्चों को शामिल किया गया है. इनमें लिया (Leah Tata), माया (Maya Tata) और नेविल (Neville Tata) के नाम शामिल हैं. 

पहला लग्जरी होटल-पहली एयरलाइंस दी
लिस्टेड कंपनियों के अलावा टाटा ग्रुप करीब 10 सेक्टर की 60 अनलिस्टेड कंपनियों समेत 100 सब्सिडियरी फर्मों को संचालित या उनसे जुड़कर काम कर रहा है. टाटा का साम्राज्य कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाटा समूह 6 महाद्वीपों के करीब 100 से अधिक देशों में सक्रिय है. देश को पहला लग्जरी होटल, पहली एयरलाइंस या फिर पहली देसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी टाटा ग्रुप की दी हुई है. 

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टाटा ग्रुप का है ताज पैलेस होटल

ग्रुप की ये कंपनियां बाजार में लिस्टेड
Tata Group की जो 17 कंपनियां शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड हैं, उनमें से सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से रिलायंस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. इसके बाद टाटा स्टील (Tata Steel), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाइटन कंपनी लिमिटेड (Titan Limited), टाटा केमिकल, टाटा पावर (Tata Power), दि इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कम्युनिकेशन, वोल्टास, ट्रेंट लिमिटेड, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा मेटालाइक्स, टाटा एलक्सी लिमिटेड, नेल्को लिमिटेड और टाटा कॉफी लिमिटेड का नाम आता है. 

Tata की प्रमुख कंपनियों के काम और उत्पाद

कंज्यूमर एंड रिटेल 
टाटा ग्रुप की कंपनियां कंज्यूमर ड्यूरेबल्स से चाय-पानी तक बेचती हैं. इस सेक्टर में टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन, इन्फिनिटी रिटेल का क्रोमा ब्रांड, ट्रेंट लिमिटेड सक्रिय हैं. टाटा टी, टाटा नमक, टाटा संपन्न ब्रांड मासले, टाइटन घड़ी, तनिष्क ज्वैलरी, स्टारबक्स कॉफी समेत तमाम चीजें इसके तहत आती हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो आप रेगिस्तान में हो या फिर आसमान में सफर कर रहे हों, टाटा की कोई न कोई चीज आपके काम आ ही जाएगी. 

नमक से लेकर चाय-पानी तक बेचती है टाटा

​आईटी सेक्टर में दिग्गज
आईटी सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी है टाटा समूह ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS). टाटा ग्रुप में जो लाखों लोग काम कर रहे हैं, उनमें से सबसे बड़ा हिस्सा इसी कंपनी का है और इसका ऑपरेशन पूरी दुनिया में है. इसके अलावा टाटा Elxsi डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज में दुनिया की दिग्गज सर्विस प्रोवाइडर्स है.

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ऑटोमोटिव सेक्टर 
टाटा मोटर्स (Tata Motors) का नाम दुनिया भर में मशहूर है. कभी रतन टाटा ने इस कंपनी के मोटर डिवीजन को बेचने का मन बनाया था, लेकिन फोर्ड मोटर्स से मिले अपमान के बाद उन्होंने अपना फैसला बदला और टाटा मोटर्स को इस मुकाम पर पहुंचा दिया कि इसके आगे अन्य ऑटोमोटिव कंपनियां छोटी नजर आने लगीं. सस्ती नैनो कार से लेकर जैगुआर और लैंड रोवर तक टाटा ग्रुप की इस कंपनी के तहत आते हैं. हाल ही में टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेगमेंट में भी जोरदार एंट्री मारी है. भारत में टाटा की कारों की बात करें तो टाटा नेक्सॉन, टाटा नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी, टाटा सफारी, अल्ट्रोज शामिल हैं.

नैनो से लेकर जैगुआर-लैंड रोवर तक टाटा के ब्रांड

​स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर
स्टील सेक्टर में टाटा स्टील का दबदबा है. भारत में टाटा स्टील- ऑटोमोटिव स्टील, एग्रीकल्चरल स्टील, कंस्ट्रक्शन स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप्स, रॉ मैटेरियल्स, फेरो अलॉयज, बियरिंग्स, प्रिसीजन ट्यूब्स बनाती है. जबकि, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रियल्टी सेक्टर में टाटा एक बड़ा नाम है. इन सेक्टर्स में टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर काम कर रही हैं. 

​टूरिज्म एंड ट्रैवल
टाटा समूह साल 1903 में ताज महल होटल की स्थापना से ही ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री में है. टाटा ग्रुप इस सेक्टर में इंडियन होटल्स कंपनी के जरिए परिचालन कर रहा है. इसके अलवा एयर इंडिया (Air India) भी फिर से टाटा ग्रुप की झोली में आ चुकी है, इस एयरलाइन कंपनी को टाटा एयरलाइंस के नाम से शुरू किया गया था. 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हो गया था और ये सरकार के पास चली गई थी. 

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एअर इंडिया से हवाई सफर कराती है टाटा

​इन सेक्टर्स में भी टाटा की धमक
टाटा ग्रुप, टेलीकाॉम और मीडिया के क्षेत्र में भी अच्छा खासा दखल रखता है. टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा स्काई और टाटा टेलिसर्विसेज के जरिए परिचालन किया जाता है. ​ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स की बात करें तो इस सेगमेंट में टाटा इंटरनेशनल, टाटा इंडस्ट्रीज और एनबीएफसी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन सक्रिय हैं. इंश्योरेंस सेक्टर में टाटा एआईए और एआईजी के साथ जॉइंट वेंचर में है, जिनके नाम टाटा एआईए लाइफ और टाटा एआईजी हैं. इसके अलावा टाटा ग्रुप शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रहा है. 

 

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