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बंद हो चुके PPF अकाउंट को ऐसे करें एक्टिव, बस करना होगा ये काम

अगर आपका पीपीएफ अकाउंट बंद हो चुका है, तो इसे आप फिर से शुरू करा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको फाइन देना होगा. PPF खाता आप पोस्ट ऑफिस समेत देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों में खुलवा सकते हैं.

बंद हो चुके पीपीएफ अकाउंट को कर सकते हैं फिर से शुरू. बंद हो चुके पीपीएफ अकाउंट को कर सकते हैं फिर से शुरू.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) देश की सबसे पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम (Small Saving Scheme) है. सरकार इस स्कीम में लोग जमकर निवेश करते हैं. इस सरकारी स्कीम में आप सालाना कम से कम 500 रुपये कर निवेश कर सकते हैं और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की सीमा है. एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये से अधिक जमा की रकम पर कोई ब्याज नहीं मिलता है. लेकिन अगर आपका पीपीएफ अकाउंट बंद हो चुका है, तो इसे आफ फिर से शुरू कर सकते हैं.

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इनएक्टिव अकाउंट से होते हैं ये नुकसान

पीपीएप अकाउंट के इनएक्टिव होने के बाद भी इसमें जमा रकम पर आपको ब्याज मिलता रहता है. लेकिन अकाउंट बंद होने के भी कई नुकसान हैं. आप अपने पीपीएफ अकाउंट पर लोन नहीं ले सकते हैं. साथ ही इसे फिर से एक्टिव करने के लिए आपको फाइन चुकाना पड़ता है. लेकिन आप बंद हो चुके अपने पीपीएफ अकाउंट को दोबारा एक्टिव कर सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ काम करने होंगे.

अकाउंट को ऐसे करें दोबारा शुरू

अगर आप अपने बंद हो चुके पीपीएफ अकाउंट को फिर से शुरू कराना चाहते हैं, तो इसके लिए पोस्ट ऑफिस या बैंक की ब्रॉन्च जाना होगा जहां आपका अकाउंट है. वहां आपको लिखित में आवेदन देना होगा. फिर आपका अकाउंट जितने साल तक बंद था, उसके लिए हर साल के हिसाब से आपको 500 रुपये जमा करना होगा. मान लीजिए कि अपका पीपीएफ अकाउंट पांच साल तक बंद था, तो आपको 2500 रुपये जमा करने होंगे. 

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लॉकइन पीरियड के बाद नहीं हो पाएगा एक्टिव

इसके अलावा मौजूदा फाइनेंसियल ईयर के लिए भी आपको 500 रुपये डिपॉजिट करने होंगे. इसके बाद जितने साल अपका भुगतान लैप्स हुआ है, उसके लिए हर साल पर आपको 50 रुपये देने होंगे. पीपीएफ अकाउंट का लॉकइन पीरियड 15 साल का होता है. इस अवधि के बाद आपका अकाउंट दोबारा एक्टिवेट नहीं हो पाएगा. सरकारी नियम के मुताबिक पीपीएफ स्कीम में 15 साल तक के लिए निवेश करना होता है. अगर आप मैच्‍योरिटी के बाद भी जारी रखना चाहते हैं, तो फिर ऐसी स्थिति में PPF अकाउंट को 5-5 साल के लिए एक्सटेंड कर सकते हैं.

पीपीएफ में निवेश पर टैक्स छूट

टैक्स छूट के नजरिये से ये बेहतरीन स्कीम है. इसलिए यह नौकरी-पेशा लोगों में बेहद लोकप्रिय है. PPF में पैसे जमाकर बेहतर रिटर्न के साथ-साथ टैक्स छूट का फायदा भी उठा सकते हैं. आप इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ ले सकते हैं, जिसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक है. फिलहाल PPF पर सरकार सालाना 7.1 फीसदी का ब्याज दे रही है. इसमें निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, जिसका सालाना आधार पर आंकलन होता है.  

 

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