Advertisement

दुनिया में 'मेक इन इंडिया' की धूम, US-यूरोप में भारत की इन चीजों की खूब डिमांड

मेक इन इंडिया के असर से भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ गई है और यहां अब क्वालिटी प्रॉडक्ट्स का निर्माण हो रहा है जो भारत में बने उत्पादों की दुनियाभर में साख और डिमांड बढ़ा रहे हैं.  

Make In India Make In India
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

भारतीय सामान अब दुनियाभर में ब्रांड के तौर पर स्थापित होने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत है कि अमेरिका समेत दूसरे विकसित देशों में भारत में बने सामानों की मांग तेजी से बढ़ रही है. दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी बीते 10 साल में 19 फीसदी से बढ़कर 23 परसेंट हो गई है. 

Advertisement

वहीं यूरोप की भारत के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 18 परसेंट से बढ़कर 23 फीसदी हो गई है. कुल एक्सपोर्ट में विकसित देशों की हिस्सेदारी में इस इजाफे से ये साबित हो रहा है कि भारत में बने अलग अलग सामान अब अपनी क्वालिटी का लोहा दूसरे देशों में भी मनवा रहे हैं. पश्चिमी देशों की निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ने की वजह से बीते 10 सालों में भारतीय निर्यात में एशियाई देशों की हिस्सेदारी कम हो गई है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उन्होंने भारतीय सामान खरीदना कम किया है बल्कि ये तो दूसरे देशों में डिमांड बढ़ने का असर है. 

स्मार्टफोन से दवा तक भारतीय उत्पादों की मांग!

आइए अब समझते हैं कि अमेरिका की भारत के निर्यात में हिस्सेदारी कैसे और कितनी बढ़ी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक बीते कुछ बरसों में स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक मशीनरी, इक्विपमेंट्स ड्रग फार्मूलेशन और बायोलाजिकल निर्यात में अमेरिकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है. 2023-24 में भारत ने 15.57 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया जिसमें अमेरिकी हिस्सेदारी 35.8 फीसदी रही, 2022-23 में भारत ने 11 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया था और तब अमेरिका की हिस्सेदारी महज 19.7 परसेंट थी. यानी मेक इन इंडिया के असर से भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ गई है और यहां अब क्वालिटी प्रॉडक्ट्स का निर्माण हो रहा है जो भारत में बने उत्पादों की दुनियाभर में साख और डिमांड बढ़ा रहे हैं.  

Advertisement


इलेक्ट्रिक मशीनरी-इक्विपमेंट्स का निर्यात बढ़ा

जाहिर है जिस तरह से PLI स्कीम आने के बाद एपल समेत दूसरे स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स ने भारत में उत्पादन शुरू करके या बढ़ाकर एक्सपोर्ट करना शुरू किया है उससे भारत का इस सेगमेंट में निर्यात तेजी से बढ़ा है. इसी तरह अगर इलेक्ट्रिक मशीनरी और इक्विपमेंट्स के निर्यात में अमेरिकी हिस्सेदारी में हुई बढ़ोतरी की बात करें तो 2015 में अमेरिका की इसमें हिस्सेदारी 12.9 फीसदी थी जो 2023-24 में बढ़कर 19.3 परसेंट हो गई है. 2023-24 में भारत ने 12.37 अरब डॉलर की इलेक्ट्रिक मशीनरी और इक्विपमेंट्स का एक्सपोर्ट किया.  

ड्रग फार्मूलेशन-बायोलाजिकल निर्यात बढ़ा

जेनरिक दवा के साथ-साथ ड्रग फार्मूलेशन और बायोलाजिकल निर्यात के लिए भी अमेरिका प्रमुख बाजार बनता जा रहा है. 2023-24 में भारत का ड्रग फार्मूलेशन और बायोलाजिकल निर्यात 21.71 अरब डॉलर का रहा और इसमें अमेरिकी बाजार की हिस्सेदारी 37 फीसदी रही और 2022-23 में ये हिस्सेदारी 34 परसेंट थी. इसी तरह 2014-15 के 320 अरब डॉलर के मुकाबले 2023-24 में भारत का गुड्स एक्सपोर्ट भी बढ़कर 438 डॉलर हो गया. अमेरिका के साथ-साथ नीदरलैंड, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, यूएई जैसे विकसित देश भी भारत में बने सामानों को जमकर खरीद रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement