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आ गया ITR-1 और ITR-4 फॉर्म, अब आप फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न... ये है पूरा प्रोसेस

आयकर विभाग की ओर से ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को इनेबल्ड किया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जिन लोगों के खातों के ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके मामले में आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 निर्धारित है.

50 लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स कर सकते हैं रिटर्न दाखिल 50 लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स कर सकते हैं रिटर्न दाखिल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2022-23 और एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर दाखिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म जारी कर दिया है. अभी ऑनलाइन ई फाइलिंग के लिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म जारी किया गया है. यानी जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है, वो अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. वे टैक्सपेयर्स जो इस दायरे में आते हैं, ऑनलाइन माध्यम से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. 

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50 लाख से कम सालाना आय वालों के लिए फॉर्म
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जिन लोगों के खातों के ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके मामले में आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 निर्धारित है. आईटीआर-1 सालाना 50 लाख रुपये से कम आय वाले वेतनभोगी और वरिष्ठ नागरिक समेत अन्य व्यक्ति भरते हैं, जबकि आईटीआर-4 के जरिए ऐसे इंडिविजुअल और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) और फर्म (LLP को छोड़कर) रिटर्न दाखिल करते हैं, जिनकी बिजनेस और प्रोफेशन से हुई इनकम 50 लाख रुपये तक है.

 

रिटर्न भरने के लिए कौन-कौन से फॉर्म
आयकर विभाग की ओर से एक ट्वीट कर ये जानकारी शेयर की गई है कि ITR-1 और ITR-4 के अलावा अन्य रिटर्न फॉर्म के लिए भी सुविधाएं जल्द शुरू की जाएंगी. विभाग की ओर से अलग-अलग इनकम कैटेगरी को ध्यान में आईटीआर फॉर्म बनाए गए हैं. 

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ITR-1 (सहज) : 50 लाख रुपये तक की आय के लिए जरूरी. 
ITR-2: रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से होने वाली आय के लिए
ITR-3: कारोबार से होने वाले लाभ के लिए 
ITR-4 (सुगम) : हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों के लिए (आय 50 लाख रुपये तक)
ITR-5, 6 : सीमित दायत्वि भागीदारी (LLP) और बिजनेस के लिए
ITR-7 : ट्रस्ट के लिए

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआऱ भरने के लिए ऑनलाइन ITR-1 और ITR-4 को इनेबल्ड किया गया है. ये ऑनलाइन फॉर्म में प्रीफिल्ड डाटा है, जिसमें फॉर्म -16 के मुताबिक सैलेरी, सेविंग अकाउंट पर ब्याज से होने वाली इनकम और फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज से होने वाली आय शामिल है. इसमें दी जानकारियों को फॉर्म -16 के साथ एनुअल इनफॉरमेशन स्टेटमेंट (AIS) में दिए गए डाटा से मिलाना होता है, जिससे ये पता लग सके कि टैक्सपेयर्स टैक्स विभाग के साथ जो जानकारी साझा कर रहा है वो एकदम सटीक है. 

एक्सेल फॉर्म से आसान है ऑनलाइन प्रोसेस
ऑनलाइन फॉर्म एक्सेल यूटिलिटी फॉर्म से अलग है. एक्सेल यूटिलिटी फॉर्म को विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड करना होता है. उसके बाद उसमें जरूरी जानकारियां भरने के बाद ई-फाइलिंह वेबसाइट पर अपलोड करना होता है. इसके बजाय ITR ई-फाइलिंग प्रोसेस बेहद आसान है. 

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इस तरह आसानी से करें रिटर्न दाखिल

  • आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in/) पर जाएं.
  • इसके बाद होमपेज पर अपनी यूजर ID और पासवर्ड की मदद से लॉग-इन करें. 
  • डैशबोर्ड पर, ई-फाईल > आयकर रिटर्न > 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' पर क्लिक करें.
  • इसके बाद एसेसमेंट ईयर का चयन करें, जैसे कि 2023-24, और 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
  • अब आईटीआर फाइलिंग का तरीका चुनें और ऑनलाइन ऑप्शन का चयन करें. 
  • अब आप अपनी टैक्स आय और TDS कैलकुलेशन के हिसाब से अपना ITR फॉर्म चुनें. 
  • अपने लिए लागू ITR चुनने के बाद सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को पास रखकर स्टार्ट ऑप्शन पर क्लिक करें. 
  • अब स्क्रीन पर कुछ सवाल आएंगे, जो भी आप पर लागू हैं उसके चेक बॉक्स को मार्क करके कंटीन्यू पर क्लिक कर दें. 
  • डॉक्युमेंट्स के मुताबिक, अपनी आय और कटौती का ब्योरा अलग-अलग सेक्शन में दर्ज करें. 
  • अगर टैक्सलायबिलिटी का मामला है तो, आपके दिए गए ब्योरे के आधार पर टैक्स-कैलकुलेशन का संक्षिप्त विवरण दिखेगा. 
  • कैलकुलेशन के हिसाब से टैक्सलायबिलिटी बनती है, तो 'अभी भुगतान करें' और 'बाद में भुगतान करें' का विकल्प चुन सकते हैं. 
  • अगर कोई टैक्सलायबिलिटी नहीं बनती, तो फिर टैक्स चुकाने के बाद, 'प्रिव्यू रिटर्न' पर क्लिक करना होगा. 
  • इसके बाद 'प्रिव्यू और रिटर्न जमा करें' डिक्लेरेशन चेकबॉक्स पर क्लिक करके 'वैलिडेशन के लिए आगे बढ़ें' ऑप्शन चुनें. 
  • प्रिव्यू देखें और 'रिटर्न जमा करें' पेज पर, वेरिफाई के लिए आगे बढ़ें. रिटर्न को वेरिफाई और ई-सत्यापित करना अनिवार्य है.
  • ई-वेरिफाई पेज पर जिस विकल्प का इस्तेमाल कर आप ई-सत्यापन करना चाहते हैं, उसे चुनें और 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
  • एक बार जब आप रिटर्न को ई-वेरिफाई करा लेते हैं, तो फार्म के सफलतापूर्व भरे जाने की सूचना स्क्रीन पर दिखती है. 
  • ट्रांजैक्शन ID और एकनॉलेजमेंट नंबर स्क्रीन पर मिलता है, जिससे आप भविष्य में अपने ITR फॉर्म का स्टेटस चेक कर सकते हैं.
  • ई-फाइलिंग पोर्टल पर आपका जो मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी रजिस्टर्ड है, फॉर्म सफलता पूर्वक भरने जाने का मैसेज मिल जाएगा. 

खुद से चुनें नया या पुराना टैक्स रिजीम 
आईटीआर (ITR) फाइल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस बार न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट में रखा गया है. अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल करना चाहते हैं, तो फिर आपको इसे खुद से बदलना होगा. नई टैक्स रिजीम में टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं. हालांकि, 7 लाख तक की आय को प्रभावी रूप से टैक्स फ्री कर दिया गया है. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की सीमा को नहीं बढ़ाया गया है. लेकिन वहां आप विभिन्न सरकारी स्कीमों में निवेश व अन्य तरीकों से टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं.

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