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आ गई मोदी सरकार के लिए तगड़ी खबर, इस लिस्ट में US-चीन से भी आगे भारत!

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2024 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 परसेंट कर दिया है जबकि 2025 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.4 परसेंट से बढ़ाकर 6.6 फीसदी किया गया है.

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आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

भारत की इकोनॉमी के लिए क्रेडिट रेटिंग्स और रिसर्च एजेंसी मूडीज की तरफ से गुड न्यूज आई है. दरअसल, मूडीज ने भारत के ग्रोथ रेट का अनुमान 2024 और 2025 के लिए बढ़ा दिया है. मूडीज ने 2024 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 परसेंट कर दिया है जबकि 2025 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.4 परसेंट से बढ़ाकर 6.6 फीसदी किया गया है. मूडीज के मुताबिक 2024 में सामान्य से बेहतर मॉनसून और कृषि उत्पादों में सुधार के चलते ग्रामीण डिमांड में रिकवरी देखी जा रही है. 

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सबसे तेजी से बढ़ेगी भारत की विकास दर!
भारत पहले ही दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना हुआ है. अगर IMF के अनुमानों को देखें तो सबसे तेजी से बढ़ने वाली टॉप-10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत के बाद दूसरे नंबर पर 5.4 फीसदी ग्रोथ अनुमान के साथ चीन, तीसरे पर 5 फीसदी विकास दर अनुमान के साथ इंडोनेशिया, चौथे पर टर्की है जिसका संभावित ग्रोथ रेट 3.6 फीसदी है.

रूस 3.2 परसेंट विकास दर अनुमान के साथ 5वें, 3.1 परसेंट ग्रोथ रेट अनुमान के साथ पोलैंड छठे, 2.6 फीसदी विकास दर अनुमान के साथ अमेरिका सातवें, ढाई फीसदी ग्रोथ रेट अनुमान के साथ दक्षिण कोरिया आठवें और 9वें नंबर पर स्पेन है जिसका संभावित ग्रोथ रेट 2.4 फीसदी है. इस लिस्ट में दसवें नंबर पर मैक्सिको है जिसकी ग्रोथ इस साल 2.2 परसेंट होने का अनुमान है.

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महंगाई में कमी का अनुमान
IMF के जुलाई आउटलुक के मुताबिक इस साल ही नहीं अगले साल भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती विकास दर बना रहेगा. वहीं अगर भारत की विकास दर के सामने सबसे बड़ा संकट साबित हुई महंगाई दर भी अब राहत के संकेत देने लगी है. मूडीज ने 2024 की खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 5.2 फीसदी से घटाकर 5 परसेंट कर दिया है जबकि 2025 के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान 4.8 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. 

मूडीज का ये भी कहना है कि जब खुदरा महंगाई 4 फीसदी के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी, तो देश में हाउसहोल्ड कंजम्पशन बढ़ सकता है जो भारत की खपत आधारित अर्थव्यवस्था के लिए बिग बूस्टर डोज साबित होगी. वहीं, फिच ने भारत की रेटिंग भी 'BBB-' बरकरार रखी है और आउटलुक को स्थिर बताया है. फिच के हिसाब से भारत की तरक्की को निजी निवेश, मजबूत सर्विस सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च से मदद मिली है.

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