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बस इतने दिनों में 80000 जा सकता है सेंसेक्स, जानें- कहां बनेगा पैसा?

फिलहाल शेयर बाजार (Share Market) में उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है, नवंबर का महीना अब तक गिरावट भरा है. पिछले महीने यानी अक्टूबर में निफ्टी ऑल टाइम हाई 18,604 अंक तक गया था, उसके बाद निफ्टी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है.

मॉर्गन स्टैनली भारतीय शेयर बाजार को लेकर बुलिश मॉर्गन स्टैनली भारतीय शेयर बाजार को लेकर बुलिश
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST
  • फिलहाल सीमित दायरे में रहेगा बाजार
  • 2022 तक 80 हजार छू सकता है सेंसेक्स

फिलहाल शेयर बाजार (Share Market) में उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है, नवंबर का महीना अब तक गिरावट भरा है. पिछले महीने यानी अक्टूबर में निफ्टी ऑल टाइम हाई 18,604 अंक तक गया था, उसके बाद निफ्टी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है. फिलहाल 24 नवंबर को निफ्टी 17,415 अंक पर बंद हुआ.

वहीं सेंसेक्स ने पिछले महीने 62,245 अंक तक पहुंचा था, जहां से गिरकर अब 58,340 अंक पर पहुंच गया है. पिछले दो हफ्तों से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. लेकिन पिछले 18 महीनों में भारतीय बाजार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है.

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फिलहाल बाजार में गिरावट

इस गिरावट के बीच भी भारतीय बाजार पर दुनियाभर के निवेशकों की नजरें लगी हुई हैं. इन्वेस्टमेंट फर्म मॉर्गन स्टैनली भारतीय शेयर बाजारों को लेकर नियर और मीडियम टर्म से बुलिश बना हुआ है. हालांकि फिलहाल कुछ समय तक बाजार एक दायरे में कारोबार कर सकता है. 

मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) की रिपोर्ट को मानें तो साल 2022 तक सेंसेक्स 70,000 से 80,000 अंक जा सकता है, लेकिन इसके लिए इकोनॉमी में आ रही रिकवरी और कोविड-19 के मामलों में सुधार कायम रहने की जरुरत होगी. 

ब्रोकरज फर्म ने कहा कि बेस केस में सेंसेक्स दिसंबर-2022 तक 70,000 के अंत तक जा सकता है. ये तब संभव होगा जब कोरोना के मामले में काबू में रहे, सरकार खर्च बढ़ाकर और अपनी नीतियों से इकोनॉमी में सपोर्ट करे. इस बेस स्थिति में सेंसेक्स 70,000 तक जा सकता है. 

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सबकुछ ठीक रहा तो 80 हजार तक जाएगा सेंसेक्स

वहीं बुल स्थिति में मॉर्गन स्टेनली ने सेंसेक्स के 80,000 अंक तक जाने का अनुमान लगाया है. इसका मतलब भारत में विदेशी निवेश बढ़कर 2 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाए. कोरोना वायरस बिल्कुल काबू में हो, तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के रेट एक सीमित रेंज में रहे. साथ ही उस दौरान भारत को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाएगा. 

मॉर्गन स्टैनली के इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय बाजार के लिए तत्कालीन चुनौतियां अमेरिका में ब्याज दरों का चक्र, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, कई राज्यों में चुनाव, कोरोना की तीसरी लहर, घरेलू ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका, महंगे वैल्यूएशन जैसे कारकों से जुड़ी हुई हैं.

कहां बन सकता है पैसे
2022 के लिए अपने इन्वेस्टमेंट आइडियाज की बात करते हुए मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि आगे हमें क्लीन एनर्जी, डिफेंस सेक्टर के स्वदेशीकरण, रियल एस्टेट, ऑटो, एविएशन, फाइनेंशियल, इंश्योरेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, हायपर लोकल ट्रांसफॉर्मेश जैसे सेक्टरों से जुड़े शेयरों पर फोकस करना चाहिए. इनमें ग्रोथ की संभावना है. 

 

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