Advertisement

इस हफ्ते घटे सरसों तेल के दाम, इंडोनेशिया के इस फैसले से होगा और सस्ता!

Mustard Oil Price: विदेशी बाजारों में खाने वाले तेलों के भाव टूटे हैं. पिछले दिनों सरकार ने तेल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इसकी कीमतों में कटौती पर चर्चा की थी.

खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST
  • विदेशी बाजारों में गिरे खाद्य तेल के भाव
  • खुदरा बाजार में नहीं दिख रहा असर

महंगाई (Inflation) से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है. आने वाले दिनों में खाने वाले तेलों (Edible Oil Price) के दाम में और गिरावट दर्ज की जा सकती है. इंडोनेशिया (Indonesia) ने पाम ऑयल (Palm Oil) के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. 31 अगस्त तक सभी पाम तेल प्रोडक्ट्स पर से इंडोनेशिया ने अपनी कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है. इंडोनेशिया दुनिया में सबसे अधिक पाम ऑयल निर्यात करने वाला देश है. दूसरी तरफ विदेशी बाजारों में खाने वाले तेलों के भाव टूटे हैं. पिछले दिनों सरकार ने तेल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक इसकी कीमतों में कटौती पर चर्चा की थी.

Advertisement

सस्ता हुआ सरसों तेल

विदेशी बाजारों में खाद्य तेल के भाव में टूटन का असर फिलहाल देश के खुदरा बाजार में नहीं दिखा रहा है. अभी तक तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में गिरावट नहीं दर्ज की गई है. वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को अभी नहीं मिल पा रहा है. पीटीआई के मुताबिक इस सप्ताह सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 35-35 रुपये घटकर 2,280-2,360 रुपये और 2,320-2,425 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं.

खुदरा बाजार में नहीं दिख रहा असर

तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में सरकार ने MRP में लगभग 15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक खुदरा कीमतों पर कटौती नहीं देखने को मिली है. सरकार चाहती है कि विदेशी बाजार में सस्ते हुए तेल का फायदा आम लोगों को भी मिले. मगर ऐसा होता हुआ अभी दिख नहीं रहा है. जून में भी खाने का तेल बनाने वाली कंपनियों ने MRP में कटौती का ऐलान किया था.

Advertisement

इंपोर्ट शुल्क में कटौती

शुक्रवार को सरकार ने सीपीओ (Crude Palm Oil) के इंपोर्ट ड्यूटी में 100 रुपये क्विंटल की कटौती की थी. वहीं, सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य 50 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलीन तेल पर इंपोर्ट चार्ज 200 रुपये प्रति क्विंटल कम किया था. विदेशी बाजारों सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली.

पाम ऑयल इंपोर्ट करता है भारत

भारत ने मई के महीने में 6,60,000 टन पाम तेल का आयात (India Palm Oil Import) किया था. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल इंपोर्ट (Palm Oil Import) करने वाला देश है. इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात शुल्क में कटौती का असर भारत में दिख सकता है. भारत इंडोनेशिया से सालाना करीब 80 लाख टन पाम ऑयल खरीदता है. भारतीय बाजार में खाद्य तेलों के कुल उपभोग में पाम ऑयल का हिस्सा करीब 40 फीसदी है.

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement