
सामान्य मानसून और राजनीतिक स्थिरता के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 2024-25 में 7 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान NCAER ने जताया है. आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के मुताबिक मौजूदा कारोबारी साल में देश का ग्रोथ रेट 7 से साढ़े 7 फीसदी रह सकता है.
NCAER के मुताबिक स्थिर खपत और लगातार सुधरती निवेश डिमांड से 2023-24 में विकास दर 8.2 फीसदी रही थी. NCAER का कहना है कि बेहतर मानसून, सामान्य होते वैश्विक हालात से अर्थव्यवस्था में मजबूती जारी रहने का अनुमान है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा
केंद्रीय बजट को उम्मीदों के मुताबिक बताते हुए कहा गया है कि बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 फीसदी और कैपिटल एक्सपेंडीचर को GDP के 2.4 परसेंट पर रखा गया है. बजट को लेकर कारोबार जगत को कोई बड़ी शिकायत नहीं है. लेकिन उनका कहना है कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंडेक्सेशन का फायदा जारी रखना चाहिए.
वहीं हेल्थ सेक्टर ने भी बजट की तारीफ करते हुए कहा है कि इससे देश में हेल्थ से जुड़े इक्विपमेंट्स का प्रॉडक्शन बढ़ाने में मदद मिलने के साथ ही स्किल मैनपावर तैयार करने में भी मदद मिलेगी.
बढ़ गया बिजनेस कॉन्फिडेंस!
कारोबार जगत के इस भरोसे ने ही NCAER -NSE बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स को 2024-25 की पहली तिमाही में बढ़ाकर 149.8 पर पहुंचा दिया है जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में ये 138.2 था.
अगर बाकी एजेंसियों के विकास दर अनुमान को देखें तो IMF और ADB ने 2024-25 के लिए भारत की सात फीसदी विकास दर अनुमान को बनाए रखा है. कुल मिलाकर भारत के ग्रोथ रेट अनुमान 6.6 से 7.2 फीसदी के बीच हैं. अब देखना यही है कि बजट के एलान विकास दर को इन अनुमानों से कितना आगे ले जाने में मददगार साबित होंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक बड़ी लकीर खींचीं है, सरकार ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी कड़ी में कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले हफ्ते इस मुद्दे को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नीति आयोग की बैठक हुई.