
केंद्र सरकार नए लेबर कोड (Labour Code) को लागू करने की तैयारी में है. हालांकि, इसे पूरी तरह से कब लागू किया जाएगा, इसपर अभी सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने हाल ही में बताया कि नए लेबर कोड को लागू करने के पीछे सरकार क्या प्लान है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि नए लेबर कोड के माध्यम से रोजगार के नए मौके बनेंगे. साथ ही बेहतर पूंजी निर्माण और कौशल विकास होगा. डिजिटल तकनीक के माध्यम से प्रोडक्शन में ग्रोथ के साथ श्रमिकों के कल्याण के लिए भी डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी और वेज स्टैंडर्ड
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट, पुणे में आयोजित कार्यक्रम में भूपेंद्र यादव ने कहा- नए लेबर कोड का उद्देश्य मुकदमा-मुक्त समाज का निर्माण करना है. इस प्रकार आम नागरिकों को सशक्त बनाना है. इसके अलावा, अनावश्यक अपराधीकरण नहीं होना चाहिए. हमने पुराने कानूनों को युक्तिसंगत बनाया है और पुरुषों व महिलाओं दोनों के लिए उचित मेहनताना सुनिश्चित करने के लिए ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड वेज स्टैंडर्ड पर विचार किया है. उन्होंने कहा कि 29 विभिन्न अधिनियमों को चार नए लेबर कोड में तब्दील कर दिया गया है.
चार नए कोड
नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं. भूपेंद्र यादव ने बताया कि नए लेबर कोड के तहत ऑक्यूपेशनल सेफ्टी को लागू करने के लिए कानून बनाए गए हैं.
नया वातावरण बनेगा
उन्होंने बताया कि नए लेबर कोड में सोशल सिक्योरिटी फंड का प्रावधान है. आपराधिक प्रावधान वाले कानूनों को 1,500 से घटाकर सिर्फ 22 इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में शामिल कर दिया गया है. इस वजह से श्रमिकों और नियोक्ताओं दोनों के लिए एक उपयुक्त नया वातावरण बनेगा.
28 करोड़ श्रमिकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि नया लेबर कोड संगठित और असंगठित दोनों प्रकार के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करता है. इसमें असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण का भी प्रावधान है उन्होंने बताया कि 4 लाख सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से 7 महीनों में 28 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है.
यादव ने कहा कि हमने सभी श्रमिकों को बीमा कवर भी प्रदान किया है. मैं लेबर यूनियंस से भी कहता हूं कि हमारी सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. सभी यूनियनों ने हमारा साथ दिया है.
नए लेबर कोड को एक जुलाई से ही लागू करने की चर्चा थी, लेकिन सभी राज्य कोड पर अपने ड्राफ्ट तैयार नहीं कर सके थे. इस वजह से नए लेबर कोड को लागू नहीं किया जा सका. ये पूरे देश में कब तक लागू होगा, इसपर अभी कोई खबर सामने नहीं आई है.
3 दिन वीकली ऑफ का प्रावधान
नए लेबर कोड के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को सप्ताह में चार दिन काम और तीन अवकाश मिल सकते हैं. नए वेज कोड में बेसिक सैलरी में भी बदलाव का प्रावधान किया गया है. इसके लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपको अकाउंट में कम आएगी.
इन हैंड सैलरी कम
सरकार ने पे रोल को लेकर नए नियम बनाए हैं. नए वेज कोड के तहत किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary) उसकी टोटल सैलरी (CTC) के 50 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए. अब अगर आपकी बेसिक सैलरी बढ़ेगी, तो आपका पीएफ फंड में कंट्रीब्यूशन भी बढ़ जाएगा. ऐसे में पीएफ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा जमा होगा. इस तरह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मोटी रकम मिलेगी.