
बीमा (Insurance) को लेकर बीते कुछ समय में खासी जगरुकता देखने को मिली है और कोरोना (Corona) काल के बाद तो कहा जा रहा था कि लोग बीमा कराने को सबसे जरूरी कामों में शामिल करने लगे हैं. लेकिन, अब एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी (National Insurance Academy) द्वारा रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ बताया गया है कि देश की करीब 95 फीसदी आबादी ऐसी है, जिसके पास बीमा नहीं है.
महज 5 फीसदी आबादी के पास इंश्योरेंस
पीटीआई के मुताबिक, नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी की इस रिपोर्ट को गुरुवार को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने जारी किया है. इस पर गौर करें तो भारत में फिलहाल महज 5 फीसदी आबादी के पास ही इंश्योरेंस कवर है. बीमा को लेकर जारुकता फैलाने वाले तमाम दावे इस रिपोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों के सामने फेल नजर आ रहे हैं.
चौंका रहे हैं बीमा से जुड़े आंकड़े
कोरोना जैसी महामारी के समय बीमा की अहमियत सबसे सामने आ गई थी, लेकिन सरकार व बीमा नियामक इरडा की तमाम कोशिशों को बावजूद लोग बीमा कराने को लोग उतना महत्व नहीं दे रहे हैं. IRDAI चेयरमैन देवाशीष पांडा ने यह रिपोर्ट को लेकर कहा है कि बीमा कंपनियों को इस दिशा में और बेहतर प्रयास करने की जरूरत है. रिपोर्ट की मानें तो निम्न और मध्यम आय वर्ग के 84 फीसदी लोगों और तटीय क्षेत्रों, सेकेंड और थर्ड कैटेगरी वाले शहरों के 77 फीसदी लोगों के पास बीमा नहीं है.
73% आबादी के पास नहीं हेल्थ इंश्योरेंस
रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों को देखें, तो देश की 73 फीसदी आबादी स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के दायरे में नहीं है. देश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जलवायु संबंधी आपदाओं की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर बीमा प्रसार को बढ़ाना महत्वपूर्ण हो गया है. देवाशीष पांडा ने भी कहा कि हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में एक अनिवार्य प्राकृतिक आपदा बीमा की जरूरत है और इस रिपोर्ट में इसकी सिफारिश भी की गई है.
भारत में बड़ा है बीमा का कारोबार
भारत में इंश्योरेंस सेक्टर लगातार ग्रोथ कर रहा है और इसका दायरा बढ़ता जा रहा है. फिलहाल, देश में 34 सामान्य बीमा कंपनियां और 24 जीवन बीमा (Life Insurance) कंपनियां काम कर रही हैं. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसमें 15-20 फीसदी की तेजी से बढ़ोतरी हुई है. लेकिन इसके बावजूद देश के लोगों की दिलचस्पी बीमा कराने में कम है. IRDAI के मुताबिक, देश की जीडीपी (India GDP) में बैंकिंग सर्विसेज के अलावा बीमा सेवाएं करीब 7 फीसदी का योगदान दे रही हैं.