
उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव में एक चुनावी वादा गेमचेंजर साबित हो सकता है. यह है पुरानी पेंशन की बहाली की. समाजवादी पार्टी (सपा) ने पुरानी पेंशन को बहाल करने का 'वचन' दिया तो अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा करने लगी. मायावती ने शनिवार को ऐलान भी कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में करीब 13 लाख कर्मचारी हैं, जो पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं. 2004 के पहले सेवा में आए अफसरों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है, लेकिन 2004-05 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम बनाई गई है. आइए सरल भाषा में समझते हैं कि पुरानी (OPS) और नई पेंशन (NPS) में क्या अंतर है.
आसान भाषा में समझे क्या है अंतर
सुमन परिहार की नौकरी अक्टूबर 2006 में बतौर स्टाफ नर्स लगी थी. 2002 में वैकेंसी आई और 2006 में उनकी तैनाती मथुरा जिला अस्पताल में की गई. जनवरी 2020 को सुमन रिटायर हो गईं. रिटायरमेंट के वक्त उनकी तनख्वाह 78 हजार रुपये (इनहैंड) थी. अब उनको पेंशन या Annuity के नाम पर हर महीने सिर्फ 3693 रुपये मिलते थे.
आजतक से बात करते हुए सुमन परिहार ने कहा कि अगर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल होती है तो करीब 39 हजार रुपये हर महीने उनको मिलेगा. उनका कहना है कि ओपीएस लागू होने के बाद जिंदगी को जिंदगी की तरह जी लेंगे, अभी तक मैंने जितना समझा और सुना है, वह यह है कि ओपीएस लागू करना असंभव नहीं है, सरकार चाहे तो लागू कर सकती है.
सिर्फ पश्चिम बंगाल में लागू है पुरानी पेंशन स्कीम
ऑल टीचर्स एंड इम्पलाईज वेलफेयर एसोसिशन (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने आजतक से बात करते हुए बताया कि 1 जनवरी 2004 को सरकार ने नई पेंशन स्कीम लागू की थी, इसके बाद पश्चिम बंगाल छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने इसे अपना लिया, शुरुआत में कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के नुकसान के बारे में पता नहीं था.
विजय कुमार बन्धु ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2004 के बाद करीब 13 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है, जो नई पेंशन स्कीम पा रहे हैं, इसमें किसी को 1100 तो किसी को 5 हजार रुपये मिल रहे हैं, जबकि पुरानी पेंशन में अंतिम तनख्वाह का करीब 50 फीसदी बतौर पेंशन मिलने का प्रावधान था, जो कि ट्रेजरी से मिलता है.
2013 से शुरू हुआ था पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन
आजतक से बात करते हुए विजय कुमार बन्धु ने कहा कि चपरासी से लेकर आईएएस तक.. सभी लोग नई पेंशन पा रहे हैं, 2013 में हमने अपना आंदोलन शुरू किया था, 2004 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों को जब पेंशन मिलना शुरू हुआ तो उनको पता चला कि उनके साथ क्या खेल हो गया, अब सभी लोग पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं.
अटेवा के मुताबिक OPS और NPS में 10 बड़े अंतर-
1 - OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि NPS में वेतन से 10% (बेसिक+डीए) की कटौती होती है.
2 - OPS में GPF (Government Provident Fund) की सुविधा है, जबकि NPS में यह सुविधा नहीं है.
3 - OPS एक सुरक्षित पेंशन योजना है यानी इसका भुगतान सरकार द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से होता है, लेकिन NPS शेयर बाजार आधारित है यानि शेयर मार्केट के बढ़त और घाटे के आधार पर भुगतान किया जाता है.
4 - OPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन, जो अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी होता है वह मिलता है... जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
5 - OPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है, जबकि NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
6 - OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थायी प्रावधान है. साथ ही OPS में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, जबकि NPS में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, लेकिन NPS के तहत जमा पैसे को सरकार जब्त कर लेती है.
7 - OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है, जबकि NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
8 - OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से किसी प्रकार का इनवेस्ट नहीं करना पड़ता है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना पड़ता है.
9 - OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है, जबकि NPS में यह प्रावधान नहीं है.
10 - OPS में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.
सपा के बाद बसपा ने भी किया पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा
पुरानी पेंशन बहाल करने का आंदोलन यूपी के 13 लाख कर्मचारी कर रहे हैं. यही वजह है कि यह चुनावी मुद्दा भी बन गया है. समाजवादी पार्टी ने अपने वचन पत्र में पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा किया है. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी ने भी पुरानी पेंशन को बहाल करने का ऐलान कर दिया है.