
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) की हालत हर रोज बद से बदतर होती जा रही है. अभी तक उसे आर्थिक रूप से कोई बड़ी मदद नहीं मिल सकी है. पाकिस्तान की सरकार इस मुश्किल स्थिति से निकलने के लिए हर एक कोशिश कर रही है, लेकिन वो लगातार नाकाम हो रही है. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की उखड़ती सांस को काबू में करने के लिए एक इकोनॉमिस्ट ने एक बड़ा तरीका सुझाया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान सरकार को 5,000 रुपये (Demonetize 5000 Rupee Note) का नोट तुरंत बंद कर देना चाहिए.
अर्थशास्त्री की सलाह
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के अर्थशास्त्री अम्मार खान (Ammar Khan) ने सुझाव दिया है कि मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को अपने 5,000 रुपये के नोट का चलन बंद कर देना चाहिए, जो कि सर्कुलेशन में सबसे अधिक मूल्य का नोट है. वायरल हो रहे खान के एक पॉडकास्ट (Viral Podcast) में उन्होंने कहा है कि भारत में इस फॉर्मूले ने जबरदस्त तरीके से काम किया और इस कदम से टैक्स कलेक्शन में भी वृद्धि देखी गई. गौरतलब है कि भारत ने नवंबर 2016 में देश में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.
बढ़ सकता है कैश फ्लो
5,000 रुपये का नोट पाकिस्तान की सबसे वैल्यूएबल करेंसी है. आमतौर पर इकोनॉमिस्ट का मानते हैं कि पाकिस्तान जैसे आर्थिक संकट की स्थिति में देश की सबसे बड़ी करेंसी को चलन से बाहर कर देना चाहिए. क्योंकि बैल्क मनी सबसे अधिक इस तरह की करेंसी में ही रखी जाती है. अगर 5,000 रुपये के नोट को पाकिस्तान की सरकार बंद कर देती है, तो हो सकता है कि लोग जमा कर के रखे गए पैसे को एक्सचेंज के लिए बाहर निकालें. इससे मार्केट में कैश का फ्लो बढ़ सकता है.
करीब 8 खरब रुपये सर्कुलेशन में
Ammar Khan ने अपने पोडकास्ट में आगे कहा कि पाकिस्तानी इकोनॉमी में लगभग 8 खरब रुपये बिना जांच के सर्कुलेशन में हैं. यह नकदी देश में खपत बढ़ाने का काम कर रही है, जबकि इससे किसी तरह का कोई टैक्स नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि यह पैसा वित्तीय संकट से घिरे देश में महंगाई (Pakistan Inflation) को लगातार बढ़ाने में अहम रोल अदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ज्यादातर लेन-देन नकदी में ही होता है. जबकि, देश आयात अमेरिकी डॉलर में करता है. ऐसे में इसका कोई हिसाब-किताब नहीं रहता है.
सरप्लस हो सकता है कैश
पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने तर्क देते हुए कहा कि इन 5,000 रुपये के नोटों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है. देश के बैंकों में नकदी की समस्या है और ये बड़ा कारण है कि वे ऋण देने में सक्षम नहीं हैं. अम्मार खान ने कहा कि अगर 5,000 रुपये के रूप में चलन में मौजूद 8 खरब रुपये देश के बैंकों में वापस आ जाएं, तो अचानक आपके पास सरप्लस पैसा उपलब्ध हो जाएगा. जो आर्थिक संकट से उबरने में मददगार होगा.
सिर्फ बड़े लोगों के पास 5000 के नोट
किसी भी देश में नोटबंदी के फैसले पर विरोध तो होता ही है, भारत में भी ये देखने को मिला था. अम्मार खान ने अपने पोडकास्ट में इस बात का भी जिक्र किया है. उन्होंने 5,000 रुपये के नोट पाकिस्तान में बंद करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इसका विरोध होगा, लेकिन यह नोट आमतौर पर बड़े आदमियों के पास ही हैं, इसलिए आम आदमी को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
पाकिस्तान पर कर्ज
आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है. देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं, इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था.