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पाकिस्तान में भूख से तड़पते लोग, आटे के लिए जा रही है जान... जानिए तेल-दाल और प्याज का ताजा भाव

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में आटा समेत अन्य खाने-पीने की चीजें ही नहीं, बल्कि दवाइयां और अन्य जरूरी सामान भी लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं. इस बीच कर्ज का भारी-भरकम बोझ भी बदहाल देश को उबरने का मौका नहीं दे रहा है. जून में शहबाज सरकार को करीब 3 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान करना है.

पाकिस्तान में खत्म होता नहीं दिख रहा वित्तीय संकट पाकिस्तान में खत्म होता नहीं दिख रहा वित्तीय संकट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में अब हाल और भी बेहाल हो चुके हैं. पेट की आग बुझाने के लिए आम जनता आटे (Wheat Flour) की लूटपाट पर उतारू है और उसे काबू में करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बंदूकों का सहारा लेना पड़ रहा है. इस बीच हाल ही में कराची में सस्ता आटा और राशन लेने आई भीड़ भगदड़ का शिकार हो गई है. इसमें 11 लोग मारे गए, जिसमें 3 बच्चे और 8 महिलाएं शामिल हैं.

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देश में महंगाई (Pakistan Inflation) कई दशकों के चरम पर पहुंचने से लोग जरूरी चीजों को खरीदने के लिए भी मोहताज हैं और चोरी-चकारी कर रहे हैं. बीते कुछ महीनों में ही कंगाल पाकिस्तान में अपराधिक आंकड़ों में तगड़ा उछाल आया है. ऐसे हालातों के बीच जून में पाकिस्तान को करीब 3 अरब डॉलर का कर्ज (Debt) भी चुकाना है, जो उसके वर्तमान परिस्थितियों में उसके लिए एक बड़ी मुसीबत बन चुकी है. 

सरकार ने दी महंगाई और बढ़ने की चेतावनी 
Pakistan की हालत हर बीतते दिन के साथ खराब होती जा रही है और आम जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy) में गिरावट आ रही है, महंगाई हर महीने नए उच्च स्तर पर पहुंचने का रिकॉर्ड बना रही है. देश के आम आदमी को गुजारा मुश्किल होता जा रहा है और उन्हें इस परेशानी से बाहर निकालने में शहबाज सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.

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यही नहीं पाकिस्तानी मीडिया Dawn के मुताबिक, देश में जरूरी सामानों की साप्ताहिक और मासिक कीमतें पहले से ही आसमान छू रही हैं और अब वित्त मंत्रालय ने पाकिस्तान के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि मुद्रास्फीति (Inflation) अभी और बढ़ सकती है. सरकार की इस चेतावनी से साफ है कि दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे देश में जनता की मुसीबतें अभी और बढ़ने वाली हैं. 

इस बीच ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक - State Bank Of Pakistan द्वारा नीतिगत दरों में 200 बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी कर सकता है. ऐसा होने पर ब्याज दरें रिकॉर्ड 22 फीसदी पर पहुंच जाएंगी. पाकिस्तान रिकॉर्ड महंगाई के बीच पिछले कुछ महीनों में घरेलू सामानों की कीमतें आसमान छू गई हैं. दरअसल, मार्च 2023 के पहले सप्ताह में SBP ने ब्याज दरों में 300 बीपीएस की बढ़ोतरी कर इसे 20 फीसदी कर दिया था.

महंगाई ने तोड़ा पांच दशक का रिकॉर्ड
पाकिस्तान में गहराते आर्थिक संकट के बीत महंगाई ने भी अपना पांच दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल दर साल के आधार पर मार्च में महंगाई दर 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है. पाकिस्तान की सरकार ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज पाने के लिए पॉलिसी में बदलाव किया था. इस वजह से ब्याज दरें बढ़ी थीं और इसका असर तमाम चीजों पर देखने को मिला.

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खत्म हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से पाकिस्तान रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को आयात करने में सक्षम नहीं है. इस वजह से आटे और दाल जैसी वस्तुओं के लिए लोगों को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. सरकारी आंकड़ों को देखें तो महीने दर महीने के आधार पर पाकिस्तान में महंगाई दर 3.72 फीसदी रही. खराब वित्तीय प्रबंधन और राजनीतिक अस्थिरता ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पतन के कगार पर धकेल दिया है. 

आटा लूटने में जा रही लोगों की जान
अब बात कर लेते हैं पाकिस्तान में पेट की आग बुझाने के लिए मचे घमासान की, तो Social Media पर पड़ोसी देश की जो तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, वो हैरान कर देने वाले हैं. इन वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) में देखा जा सकता है कि आटे से लगे ट्रकों को लोगों की भीड़ कैसे लूट रही है. इस छीना-झपटी में बच्चों- महिलाओं से लेकर बूढ़े-जवान सभी नजर आ रहे हैं.

वित्तीय संकट के बीच गेहूं की किल्लत से जूझ रहे पाकिस्तान में आटे की कीमत आसमान पर पहुंच चुकी है और लोगों की थाली से रोटी लगभग गायब हो गई है. आटे की मारा-मारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते शुक्रवार को कराची में चैरिटी राशन बांटने के दौरान मची भगदड़ में कथित तौर पर 11 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई. इससे पहले भी आटे के लिए मारपीट और लूटपाट की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. 

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फैक्ट्रियों पर लटकते जा रहे ताले
पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है और बचा हुआ विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) महज कुछ महीनों के लिए ही काफी है. जरूरी सामानों का आयात करने के लिए भी देश की सरकार मोहताज नजर आ रही है. इस संकट के बीच देश में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना कारोबार समेटती जा रही है. बीते दिनों होंडा समेत कई प्लांटों पर ताला लगा था, तो वहीं अब रमजान के महीने (Ramdan Month) में लोगों पर बेरोजगारी की तगड़ी मार पड़ा है.

डॉन के मुताहिक, पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था की बर्बादी का असर अब सीधे तौर पर फैक्ट्रियों पर दिखने लगा है. एक ओर जहां भारत में एप्पल जैसी कंपनियों के फोन बनने शुरू हो गए हैं, तो नहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में मौजूद 30 मोबाइल फोन असेंबली यूनिट्स ने अपना प्लांट बंद कर दिया है. सप्लाई चेन पर पड़े असर और कच्चे माल की कमी के कारण ये प्लांट प्रोडक्शन करने में नाकाम हैं. इन प्लांट पर ताला लटकने के चलते करीब 20,000 पाकिस्तानियों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है. 

जून में चुकाना है 3 अरब डॉलर का कर्ज
पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी (Pakistan Debt) 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक की है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था.

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स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, देश को मौजूदा तिमाही (अप्रैल-जून) में 3 अरब डॉलर के अपने बाहरी कर्ज का भुगतान करना है. हालांकि, ये पेमेंट पाकिस्तान कर पाएगा, इस बात की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है. दूसरी और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से अभी तक बेलआउट पैकेज को मंजूरी नहीं मिल सकी है. आईएमएफ से पैकेज रिलीज नहीं किया जाता, तो उसे कर्ज भुगतान के लिए दूसरे विकल्पों की तलाश करनी होगी, जो शायद ही बचे हुए हैं. 

भुखमरी जैसे हालात, अपराधियों के हौसले बुलंद
पाकिस्तान में भुखमरी जैसे जो हालात पैदा हुए हैं, उनमें आबादी का केवल उच्च वर्ग ही महंगाई की मार से अछूता है, जबकि मध्यम आय वाले परिवार भी जीवन भर की बचत को जिंदा रहने की जुगाड़ करने में खर्च कर रहे हैं. महंगाई की मार के बीच देश में आपराधिक घटनाओं के आंकड़े भी तेजी से बढ़ते जा रहै हैं. डॉन के मुताबिक, साल 2023 के पहले साढ़े तीन महीने के अपराध के आधिकारिक आंकड़े बेहद निराशाजनक तस्वीर पेश करते हैं.

90 फीसदी से अधिक अपराध बंदूक की नोंक पर किए गए हैं, जिसमें लुटेरों ने निडर होकर शहर में नागरिकों से नकदी और कीमती सामान लूटा है. पुलिस से बेखौफ अपराधी लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. चोरी-चकारी की वारदातों में भी तेजी आई है और इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इन साढ़े तीन महीनों में प्रांतीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों से 143 साइकिलें और 5,366 मोटरसाइकिलें चोरी की गई हैं. इसके अलावा 2023 की पहली तिमाही में सिर्फ लाहौर में ही 89 नागरिकों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई है.

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