
आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया...ये स्थिति किसी देश के साथ हो, या फिर किसी की निजी जिंदगी में. एक दिन कंगाल होना तय होता है. कुछ इसी तरह पाकिस्तान के साथ हुआ और देश अब दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है. पिछले कुछ महीनों में हालात तेजी से बिगड़े हैं, महंगाई चरम पर है. लोगों की लगातार आमदनी घट रही है. रोजमर्रा की चीजों के लिए लोगों को अपनी जिंदगी दांव पर लगानी पड़ रही है.
दरअसल, पाकिस्तान खुद अपने हालात के लिए जिम्मेदार है, आज पाकिस्तान के राजनेता जगह-जगह कर्ज के लिए हाथ फैला रहे हैं, आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी? इस बीच अब पाकिस्तानी आवाम का भी नेताओं के खिलाफ गुस्सा फूटने लगा है. क्योंकि जनता सब जानती है? पाकिस्तान अब करनी का फल पा रहा है. आखिर पाकिस्तान के कर्ज में डूबने के क्या कारण हैं?
पाकिस्तान में किसको कितना आयकर देना होता है?
कड़वा सच ये है कि कई दशक से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही थी. लेकिन उसे नजरअंदाज किया जा रहा था, जिसने अब भयावह रूप ले लिया है. किसी भी देश को सबसे ज्यादा टैक्स से कमाई होती है, भले टैक्स वसूलने के दुनिया में अलग-अलग तरीके हैं. पाकिस्तान में टैक्स सिस्टम लागू है. लेकिन सरकार को उतनी कमाई टैक्स से नहीं होती है कि वो इससे देश की आर्थिक सेहत को सुधार सके.
पाकिस्तान में सैलरीड क्लास और नॉन सैलरीड क्लास को अलग-अलग हिसाब से टैक्स देना होता है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में कुल 11 टैक्स स्लैब हैं, जिसमें जनता से 2.5 फीसदी से लेकर 35 फीसदी तक टैक्स वसूलने का प्रावधान है. सैलरीड क्लास के अलावा दूसरों से 6 लाख से ज्यादा आमदनी पर 5 फीसदी टैक्स वसूला जाता है.
बदहाल पाकिस्तान में टैक्स सिस्टम
वित्त वर्ष 2021 के मुताबिक पाकिस्तान में 6 लाख रुपये तक की सैलरी पाने वाले व्यक्ति को टैक्स स्लैब से बाहर रखा गया है. यानी जिन लोगों की सैलरी 6 लाख से कम है, उन्हें टैक्स नहीं भरना पड़ता. 6 लाख से ऊपर और 12 लाख तक सालाना सैलरीड वालों को 2.5 फीसदी या 100 रुपये टैक्स देना होता है. केवल 100 रुपये टैक्स लेने के पीछे लोगों को जागरूक करना मकसद है.
इसके अलावा 12 लाख से 24 लाख सैलरी वालों को 12.5 फीसदी, 24 लाख से 36 लाख वालों को 20 फीसदी, 36 लाख से 60 लाख तक की आमदनी पर 25 फीसदी, 60 लाख से 1.20 करोड़ पर 32.5 फीसदी टैक्स, और इस ज्यादा इनकम पर 35 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. फिलहाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान में रुपये की कीमत 263 रुपये है.
फिर फोड़ा टैक्स बम
गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली (National Assembly) ने 21 फरवरी को उस वित्त विधेयक को पारित कर दिया है, जिसमें टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने का प्रस्ताव है. IMF ने पाकिस्तान की सरकार के सामने टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने की शर्त रखी थी. इस शर्त के पूरी होने पर पाकिस्तान को IMF से 1.1 अरब डॉलर का कर्ज मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
पाकिस्तान में महंगाई बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गई है. दूध, ब्रेड और आटा जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम और बढ़ गए हैं. पाकिस्तान ने जो 'मिनी बजट' पेश किया है. उसके बाद लग्जरी आइटम्स पर सेल्स टैक्स 17 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा. जनरल सेल्स टैक्स को 17 से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है.