
देश में करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं, और राज्य कर्मियों को मिला दें, तो ये आंकड़ा करीब 90 लाख का बैठता है. सरकारी कर्मचारियों के लिए अब केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम पेश की है, जिसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है. UPS के तहत सरकार ने कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी दे दी है, और ये NPS से काफी हदतक अलग है. क्योंकि NPS बाजार के रिस्क पर आधारित है.
दरअसल, नई पेंशन स्कीम के तहत UPS में 25 साल तक नौकरी करने के बाद बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप मिलेगा. पेंशन की रकम अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगी. इसके अलावा यूपीएस में मिनिमम एश्योर्ड पेंशन का भी प्रावधान है, जिसके तहत 10 साल की नौकरी पर कम से कम 10,000 रुपये महीने पेंशन पक्की हो जाएगी. UPS में फैमिली पेंशन कैटेगरी में कर्मचारी की मृत्यु होने पर पेंशन का 60 फीसदी उसके परिवार को दिया जाएगा. इन सभी पेंशन के साथ महंगाई राहत यानी DR का भी लाभ मिलता है.
लेकिन अब सवाल उठता है कि देश में करीब साढ़े 4 करोड़ से 5 करोड़ तक प्राइवेट कर्मचारी हैं, उनके लिए क्या सरकार की योजनाएं हैं, क्या प्राइवेट जॉब करने वालों को बुढ़ापे की चिंता नहीं है, हर कोई बुढ़ापे में सेक्योर आमदनी का एक जरिया चाहता है, और फिर जब देश में करीब 5 करोड़ लोग प्राइवेट सेक्टर्स से जुड़े हैं, तो फिर उनके लिए क्या कोई गारंटीड पेंशन स्कीम नहीं होनी चाहिए, आइए जानते हैं मौजूदा समय में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए कौन-कौन सी पेंशन स्कीम हैं और क्या उसमें पेंशन की गारंटी मिलती है?
1. EPS
प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए EPFO के तहत पेंशन की सुविधा मिलती है. पीएफ खाताधारकों को EPS-95 के तहत पेंशन का लाभ दिया जाता है. ईपीएफओ के नियमों (EPFO Rules) के मुताबिक कोई भी कर्मचारी 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन पाने का हकदार हो जाता है. यह योजना 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले पात्र कर्मचारियों को पेंशन लाभ की गारंटी देती है.
पीएफ कटौती का कैलकुलेशन
दरअसल, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की सैलरी का एक बड़ा हिस्सा PF के तौर पर कटता है, जो कि हर महीने कर्मचारी के PF अकाउंट में डिपॉजिट हो जाता है. अगर आप 10 साल तक प्राइवेट नौकरी भी कर लेते हैं तो पेंशन के हकदार हो जाते हैं. नियम के मुताबिक, कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने PF अकाउंट में जमा होता है. जिसमें से कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है, जबकि नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और 3.67% हर महीने EPF योगदान में जाता है. लेकिन फिलहाल ये राशि बहुत ही कम होती है.
ईपीएस के तहत इतनी तरह की पेंशन
EPS-95 पेंशन योजना पेंशनभोगी के परिवार के सदस्यों को सहायता प्रदान करने के लिए कई तरह की पेंशन देती है, इसमें विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथों के लिए पेंशन शामिल है. किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर यदि विधवा पति या पत्नी दूसरी शादी करती है, तो पेंशन लाभ बच्चों को मिलने लगता है.
2. NPS
प्राइवेट कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक विकल्प है, ये स्कीम पहले केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए थी. एनपीएस (Nation pension System) एक लंबी अवधि का निवेश प्लान (Invest Plan) है. रिटायरमेंट के बाद भी नियमित आमदनी होती रहे, इसी को ध्यान में रखकर इस योजना की शुरुआत की गई है. सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है. NPS में पैसे जमा करने के बाद रिटायरमेंट पर एक बड़ा फंड (Retirement fund) एकमुश्त मिलता है. साथ ही आपकी एन्युटी की रकम और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर मंथली पेंशन (Monthly Pension) मिलती है.
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की शुरुआत जनवरी 2004 को हुई थी. पहले इस योजना में केवल सरकारी कर्मचारी (Government Employees) निवेश कर सकते थे. लेकिन साल 2009 में इसे सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. यानी हर कोई इस योजना का लाभ ले सकता है. इस स्कीम में 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद एकमुश्त कैश और मासिक पेंशन सुविधा मिलती है. कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, वो एनपीएस में निवेश कर सकता है.
NPS में निवेश के फायदे
NPS खाते में मंथली या फिर सालाना निवेश की सुविधा मिलती है. आप NPS में 1,000 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. जिसे आप 70 साल की उम्र तक चला सकते हैं. NPS निवेश पर 40 फीसदी एन्युटी खरीदना जरूरी है. जबकि 60 फीसदी रकम 60 साल के बाद एकमुश्त निकाल सकते हैं. NPS में निवेश कर आप सालाना 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं. आप किसी भी बैंक में एनपीएस अकाउंट खुलवा सकते हैं. मैच्योरिटी के बाद निवेशक NPS में से 60 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं. यानी कि 60 साल की आयु के बाद कोई व्यक्ति NPS में कुल जमा राशि में से 60 फीसदी अमाउंट बिना किसी टैक्स के निकाल सकता है.
उदाहरण के तौर पर अगर आपकी उम्र 30 साल है और आप NPS अकाउंट में हर महीने 5,000 रुपये निवेश करते हैं, और निवेश 30 साल तक जारी रखते हैं. यानी 60 साल की उम्र तक. उस निवेश पर 10% के हिसाब से रिटर्न मिलता है तो फिर 60 साल की उम्र में आपके NPS अकाउंट में कुल 1.12 करोड़ रुपये जमा हो जाएंगे. नियम के मुताबिक उम्र 60 साल होते ही आपको एकमुश्त 45 लाख रुपये कैश मिल जाएगा. इसके अलावा हर महीने 45,000 रुपये पेंशन मिलेगी. जबकि निवेशक 30 साल में कुल 18 लाख रुपये निवेश करेगा. इसमें 10 फीसदी सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है, ब्याज दरें ऊपर-नीचे हो सकती हैं.
50000 रुपये मंथली पेंशन के लिए कितना करना होगा निवेश?
मान लीजिए आपकी उम्र अभी 35 साल है, तो आपको अगले 25 साल तक यानी 60 की उम्र तक निवेश करना होगा. इस स्थिति में अगर आप हर महीने 15 हजार रुपये एनपीएस में लगाते हैं तो आज से 25 साल बाद आपको हर महीने 50 हजार से अधिक पेंशन मिलेगी. एनपीएस ट्रस्ट कलकुलेटर के अनुसार, हर महीने 15 हजार लगाकर आप अगले 25 साल में कुल 45 लाख रुपये इन्वेस्ट करेंगे. औसत रिटर्न 10 फीसदी मान लेते हैं तो मैच्योर होने के बाद कुल अमाउंट 2 करोड़ रुपये हो जाएगा. मैच्योरिटी के बाद अगर आप 50 फीसदी एन्युटी लेते हैं और एन्युटी की दर छह फीसदी मान लेते हैं तो इस हिसाब से मासिक पेंशन 50,171 रुपये बैठता है.
3. अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana)
बुढ़ापे में पेंशन (Pension) एक बड़ा सहारा होता है. इसी को ध्यान में रखकर मोदी सरकार ने मई-2015 में अटल पेंशन योजना की शुरुआत की थी. यह एक सरकारी पेंशन योजना (Sarkari Pension Scheme) है, और इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. आप निवेश के हिसाब से हर महीने 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक पेंशन पा सकते हैं. अटल पेंशन योजना से जुड़कर पति-पत्नी दोनों 10 हजार रुपये महीने तक पेंशन उठा सकते हैं.
कोई भी भारत का नागरिक इस योजना का लाभ ले सकता है. अगर आपकी उम्र 40 साल से कम है तो फिर फटाफट अटल पेंशन योजना में खाता खुलवा लीजिए. क्योंकि 40 साल से ज्यादा उम्र वाले इस योजना से नहीं जुड़ सकते हैं. इस योजना के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल तक निवेश करना होगा. फिर उम्र 60 साल होते ही हर महीने पेंशन मिलने लगेगी. अगर आपकी उम्र 18 साल है तो फिर इस योजना में हर महीने 210 रुपये यानी रोजाना 7 रुपये निवेश कर 5000 रुपये महीने पेंशन उठा सकते हैं. वहीं अगर 60 की उम्र के बाद केवल 1000 रुपये महीने पेंशन चाहिए तो इसके लिए 18 की उम्र से केवल हर माह 42 रुपये जमा कराने होंगे.
अगर निवेशक 60 साल की उम्र से पहले अपनी राशि की निकासी चाहते हैं तो कुछ परिस्थितियों में यह संभव है. वहीं अगर पति की मौत 60 साल से पहले हो जाती है, तो फिर पत्नी पेंशन को सुविधा मिलेगी. पति-पत्नी दोनों की मृत्यु पर नॉमिनी को पूरा पैसा वापस मिल जाएगा.
इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस, LIC के अलावा तमाम प्राइवेट बीमा कंपनियां भी पेंशन प्लान ऑफर करती हैं, कुछ प्राइवेट कर्मचारी रिटायरमेंट के लिए ऐसी स्कीम्स को खरीदते हैं. लेकिन जिस तरह से पहले OPS और अब UPS लेकर सरकार आई है, जिसमें पेंशन की गारंटी है, ऐसी कोई स्कीम्स प्राइवेट कर्मियों के लिए फिलहाल नहीं है. EPFO की EPS स्कीम में कर्मचारियों का काफी कम योगदान होता है, जिससे पेंशन की राशि बहुत कम बनती है.