
आयात में गिरावट को अक्सर डिमांड में कमी से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन इस साल की पहली छमाही में प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम यानी PLI के तहत कई वस्तुओं के उत्पादन में बढ़ोतरी और कुल उत्पादन क्षमता में विस्तार से देश की आयात पर निर्भरता कम हुई है. इसका सबसे बड़ा असर चीन से होने वाले आयात में कमी के तौर पर देखने को मिल रहा है, जो भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम है. अगर ये सिलसिला आगे भी इसी तरह जारी रहता है तो फिर चीन से वर्ल्ड फैक्ट्री का ताज छीनने की भारत की मुहिम को जबरस्त सपोर्ट मिलेगा.
अप्रैल-सितंबर में घटा चीन से आयात
आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 की पहली छमाही यानी अप्रैल सितंबर 2022 में चीन से 52.42 अरब डॉलर का आयात किया गया था, जबकि 2023-24 की पहली छमाही में चीन से 50.47 अरब डॉलर का इम्पोर्ट किया गया है. ये गिरावट भले ही मामूली है. लेकिन इस लिहाज से ये खास है कि सितंबर लगातार 5वां महीना है, जब चीन से होने वाले आयात में गिरावट दर्ज की गई है. इस साल जून और जुलाई में तो चीन से होने वाले आयात में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी.
आत्मनिर्भर भारत मिशन की सफलता
आयात में आई गिरावट को डिमांड में कमी का संकेत इसलिए नहीं माना जा सकता है क्योंकि IMF, वर्ल्ड बैंक और RBI जैसे वित्तीय संस्थानों ने भारत की विकास दर 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है, जो भारत की मजबूत घरेलू डिमांड का सबूत है. इसे PLI स्कीम का असर इसलिए भी माना जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा निर्यात में बढ़ोतरी होने से इनसे जुड़े आयात पहले से कम हो रहे हैं. इस साल अप्रैल-सितंबर में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 27.62 फीसदी और फार्मा एक्सपोर्ट 5.02 परसेंट बढ़ा है.
महंगाई घटने का भी मिला फायदा
पेट्रोलियम समेत कई सेक्टर्स में कमोडिटी के दाम घटने से भी आयात की वैल्यू कम होने में मदद मिली है. भारत की PLI स्कीम का बड़ा असर टेलीकॉम सेक्टर में भी देखने को मिला है जहां भारत अब दुनियाभर में वैल्यू चेन पार्टनर बनकर उभरा है. अगर पहली छमाही में कुल आयात और निर्यात की बात करें तो वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-सितंबर में वस्तुओं के आयात में पिछले साल की पहली छमाही के मुकाबले 12.23 फीसदी की गिरावट आई है. जबकि भारत के निर्यात में इस दौरान 8.77 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. वहीं सितंबर के निर्यात में तो महज 2.62 फीसदी की गिरावट आई है और आयात में 15 परसेंट की कमी दर्ज की गई है.
अक्टूबर से बढ़ेगा निर्यात!
अनुमान है कि अक्टूबर से निर्यात में गिरावट का सिलसिला खत्म होकर तेजी आनी शुरू हो जाएगी जबकि आयात में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. चीन से निर्यात को घटाने के लिए सरकार ने क्वालिटी कंट्रोल नियम लगाने के लिए 100 से ज्यादा सामानों की पहचान की है. क्वालिटी कंट्रोल नियम लागू होने से चीन से इन वस्तुओं का इम्पोर्ट कम होता जाएगा और घरेलू स्तर पर इनका उत्पादन बढ़ेगा.