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पीएम मोदी का बिग प्लान, अब सिंगापुर से करें UPI, कैसे करेगा काम? इन देशों में पहले से ही सर्विस

Indian UPI And Singapore PayNow: डिजिटल भुगतान के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) तक ने यूपीआई को लेकर भारत को सराहा है.

सिंगापुर में आज से शुरू होंगी यूपीआई सेवाएं सिंगापुर में आज से शुरू होंगी यूपीआई सेवाएं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI का लगातार विस्तार हो रहा है. देश का ये पेमेंट सिस्टम कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में आज से एक नया नाम जुड़ गया है. भारत और सिंगापुर के बीच मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मनी ट्रांसफर की सुविधा का उद्घाटन पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने किया. इसके तहत UPI, सिंगापुर के Paynow से कनेक्ट होगा. 

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सिंगापुर में रह रहे भारतीय छात्रों का फायदा
भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है. सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर किए जा सकेंगे. इस सुविधा के तहत सिंगापुर में रहने वाले भारतीय अब UPI का इस्तेमाल कर भारत में पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. इसके अलावा छात्रों के लिए भी ये लाभकारी होगा. दरअसल, कोई भारतीय छात्र जो सिंगापुर में पढ़ाई कर रहा है उसके अभिभावक बेहद आसानी से डिजिटल पेमेंट कर यूपीआई से उसे मनी ट्रांसफर कर सकेंगे. 

3.45 लाख से ज्यादा लोगों को सौगात
UPI और Paynow कनेक्टिविटी का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) इस सुविधा को लांच करने के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे. इस सुविधा के शुरू होने से सिंगापुर में रह रहे लाखों भारतीयों को फायदा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर में भारतीय मूल के करीब 3.45 लाख से ज्यादा लोग हैं. बड़ी संख्या में छात्र और प्रवासी कामगार वहां रहते हैं. 

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दोनों देशों के बीच व्यापार में भी मददगार
यूपीआई और पे-नाऊ कनेक्टिविटी के बाद न केवल आसान पेमेंट सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि ये दोनों देशों के बीच व्यापार के लिहाज से भी फायदेमंद साबित होगा. बता दें UPI भारत में मोबाइल आधारित रैपिड पेमेंट सिस्टम है, जो वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का इस्तेमाल करते हुए यूजर्स को किसी भी वक्त पेमेंट्स करने की सुविधा देता है. इसमें पैसे पाने वाले को बैंक डिटेल्स देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. यूपीआई पी2पी और पी2एम भुगतान की सुविधा देता है और इसके यूजर्स पैसे भेज या पा सकते हैं. 

इन देशों में पहले से UPI सेवाएं 
भारत से बाहर UPI सेवाओं को शुरू करने जा रहा सिंगापुर भले ही नया नाम हो, लेकिन इससे पहले भी इस पेमेंट सिस्टम के लिए कई देशों से करार किया जा चुका है. रुपे के माध्यम से पहले से ही कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है. इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई जैसे देश शामिल हैं. नेपाल में UPI प्लेटफॉर्म लागू करने वाला भारत के बाहर पहला देश है,

भूटान में NPCI की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (NIPL) और भूटान की रॉयल मोनेटरी अथॉरिटी भीम-यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए समझौता किया गया है. ओमान में भी Rupey कार्ड और यूपीआई उपयोग हो रहा है. UAE में लुलु फाइनेंसिंग होल्डिंग, मशरक बैंक और नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ समझौता किया जा चुका है. इसके अलावा France में लायरा नेटवर्क और UK terrapay-Payxpert से समझौता है. 

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Singapore के साथ यूपीआई सेवाओं की शुरुआत के बाद अन्य कई देशों में इसके उपयोग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. इस लिस्ट में आस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, वियतनाम, जापान, ताइवान जैसे देश शामिल हैं. रिपोर्ट की मानें तो तकरीबन 30 देशों के साथ UPI प्रणाली को अपनाने पर बातचीत जारी है. 

Digital पेमेंट में भारत आगे
डिजिटल भुगतान के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) तक ने यूपीआई को लेकर भारत को सराहा है. देश की बात करें तो यूपीआई से होने वाले पेमेंट के आंकड़े में महीने-दर-महीने तेजी देखने को मिल रही है. इस पेमेंट सिस्टम की लोकप्रियता के चलते सरकार लगातार इसके विस्तार पर फोकस कर रही है और अब UPI वैश्विक ब्रांड के तौर पर पहचान बनाता जा रहा है. 

 

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