
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तीन दिवसीय मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक (MPC Meet) के नतीजे आज जारी होंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कुछ ही देर में रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं. महंगाई दर (Inflation Rate) के तय दायरे के ऊपर होने के चलते अनुमान जताया जा रहा है कि रेपो रेट में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट्स इसमें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने का संभावना जता रहे हैं. नीतिगत दरों में ये वृद्धि होने के बाद होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे और इसके साथ ही लोन लेने वाले लोगों पर ईएमआई का बोझ भी बढ़ जाएगा.
अब तक लगातार 6 बार बढ़ा रेपो रेट
बीते साल मई 2022 से अब तक रिजर्व बैंक चरम पर पहुंची महंगाई को काबू में करने के लिए एक के बाद एक लगातार छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है. अगर आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास सातवीं बार दरों में अनुमान के मुताबिक इजाफे का ऐलान करते हैं, तो पॉलिसी रेट सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच जाएंगे. इसके साथ ही होम लोन भी अब तक के हाई पर पहुंच जाएगा. बीते साल मई में रेपो रेट 0.40%, जून में 0.50%, अगस्त में 0.50%, सितंबर में 0.50% और दिसंबर में 0.35% की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं फरवरी 2023 की पहली एमपीसी बैठक में इसमें 0.25% बढ़ाने का फैसला किया गया था.
छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने के बाद फिलहाल ये दर 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है और मई 2022 से अब तक इसमें 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. बता दें गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में नए वित्त वर्ष की की ये पहली एमपीसी की बैठक है.
आरबीआई के तय लक्ष्य से ऊपर महंगाई
नए वित्त वर्ष में RBI की एमपीसी की पहली बैठक तीन अप्रैल 2023 को शुरू हुई थी. पहले से ही एक्सपर्ट्स ये अनुमान जता रहे हैं कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी के लिए तैयार है और इसमें 0.25 फीसदी की इजाफा देखने को मिल सकता है. बता दें देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही थी. ये आकंड़ा महंगाई दर को 2-6 फीसदी के तय दायरे में रखने के आरबीआई के लक्ष्य से ज्यादा है, इस वजह से भी रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी की आशंका है.
Repo Rate बढ़ने से बढ़ती है EMI
आरबीआई द्वारा तय किया गया रेपो रेट सीधे तौर पर बैंक लोन को प्रभावित करता है. दरअसल, रेपो रेट वह दर जिस पर वह बैंकों को उधार देता है. इसमें कमी आने पर लोन सस्ता हो जाता है और इसमें इजाफा होने के बाद बैंक भी अपना कर्ज महंगा कर देते हैं. इसका असर होम लोन (Home Loan), ऑटो लोन (Auto Loan), पर्सनल लोन (Personel Loan) सभी तरह का लोन पर पड़ता है और कर्ज महंगा होने से ईएमआई का बोझ भी बढ़ जाता है.