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अब बैंक लॉकर का सामान गायब होने पर मिलेगा इतना हर्जाना, रिजर्व बैंक ने बनाए नियम 

Bank locker Rule: बैंक अब लॉकर में रखे सामान गायब होने पर पल्ला झाड़ नहीं सकते. रिजर्व बैंक ने सख्ती बरतते हुए हर्जाने के बारे में नए नियम जारी कर दिए हैं. ये नियम 1 जनवरी, 2022 से लागू होंंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बनाए नियम (फाइल फोटो) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बनाए नियम (फाइल फोटो)
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली ,
  • 19 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • बैंक ग्राहकों के लिए राहत की खबर
  • लॉकर में सामान जमा करने पर बढ़ेगा भरोसा

Bank locker Rule: बैंक अब लॉकर में रखे सामान गायब होने पर पल्ला झाड़ नहीं सकते और उन्हें किराये के 100 गुना तक हर्जाना ग्राहकों को देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सख्ती बरतते हुए इस बारे में नए नियम जारी कर दिए हैं. ये नियम 1 जनवरी, 2022 से लागू होंंगे.

गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया था कि वह छह महीने के भीतर बैंक लॉकर्स के लिए नियम बनाए. बैंकों को 1 जनवरी, 2023 तक अपने मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ एग्रीमेंट का नवीनीकरण करना होगा. 

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अब क्या होगा

तो आगे से किसी बैंक में आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती आदि की वजह से किसी ग्राहक के लॉकर का सामान यदि गायब हो जाता है, तो बैंक को उस लॉकर के किराये के 100 गुना तक हर्जाना देना होगा. यह नियम नए और पुराने सभी तरह के लॉकर ग्राहकों के लिए लागू होगा. 

रिजर्व बैंक ने कहा है, 'बैंक यह दावा नहीं कर सकते कि आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती, इमारत ढहने या किसी बैंक कर्मचारी द्वारा जालसाजी जैसी वजहों से लॉकर में हुए सामान के नुकसान की उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. ऐसे मामलों में बैंक को लॉकर के सालाना किराये के 100 गुना राश‍ि के बराबर का भुगतान करना होगा.' 

कब नहींं मिलेगा हर्जाना  

रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है, 'अगर किसी प्राकृतिक आपदा या एक्ट ऑफ गॉड जैसे भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने, तूफान या ऐसी किसी वजह से लॉकर मे रखे सामान को नुकसान पहुंचता है या वह गायब हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी ग्राहकों की होगी.' यानी ऐसी परिस्थ‍िति में बैंक किसी तरह का हर्जाना नहीं देंगे. लेकिन साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि ऐसी किसी आपदा से लॉकर सिस्टम को महफूज रखने के लिए बैंकों को पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी. 

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एफडी जमा करा सकते हैं

रिजर्व बैंक के निर्देश में कहा गया है कि बैंक इसके बदले ग्राहकों से 'टर्म डिपॉजिट' यानी एफडी में पैसा जमा करवा कर उसे सिक्योरिटी के रूप में रखवा सकते हैं. यह एफडी तीन साल के किराये के बराबर हो सकता है. बैंक चाहे तो अपने हिसाब से ग्राहकों को एफडी रखने की शर्त से छूट भी दे सकता है. 

इसके अलावा बैंकों के लिए यह भी अनिवार्य कर दिया गया है कि किसी लॉकर मालिक की मौत होने पर उनके परिजनों/नॉमिनों को क्लेम के 15 दिन के भीतर सामान वापस करना होगा. इसके लिए नॉमिनी को डेथ सर्टिफिकेट देना होगा. लॉकर लेने वाले व्यक्ति और उसके द्वारा नियुक्त प्रतिनिध‍ि (जिसे लॉकर संचालन का उसने अध‍िकार दिया हो) का पासपोर्ट साइज का फोटोग्राफ बैंक को अपने पास रखना होगा. 

अवैध सामान न रहे लॉकर में 

रिजर्व बैंक ने यह भी निर्देश दिया है कि लॉकर्स में कोई किसी तरह का अवैध या खतरनाक सामान न रखे इसके लिए बैंकों को सख्ती से चेक करना होगा और किसी ग्राहक के ऐसा करते पकड़े जाने पर उसके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करनी होगी. 

 

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