
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल मई में 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था. इसके बाद से 2,000 रुपये के नोटों को बदलने और जमा करने का सिलसिला तेजी से चल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते दिन बताया कि जितने 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे, उनमें से 93 फीसदी नोट बदले जा चुके हैं या बैंकों में जमा करा दिए गए हैं. बैंक ने बताया कि 31 अगस्त तक केवल 24,000 करोड़ रुपये के वैल्यू के 2,000 रुपये के नोट ही सर्कुलेशन में थे.
कितने नोट वापस आए?
बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 31 अगस्त, 2023 तक सर्कुलेशन से वापस आए 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 3.32 लाख करोड़ रुपये है. इस प्रकार, 19 मई, 2023 तक प्रचलन में 2,000 रुपये के 93 फीसदी बैंकनोट वापस आ गए हैं. प्रमुख बैंकों से कलेक्ट किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि सर्कुलेशन से वापस प्राप्त 2,000 रुपये के कुल बैंक नोटों में से लगभग 87 फीसदी डिपॉजिट हुए हैं. शेष को अन्य मूल्य वर्ग के बैंक नोटों से एक्सचेंज कर दिया गया है.
नोट बदलने की डेडलाइन
भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने के अपने फैसले की घोषणा की थी. हालांकि, RBI ने नागरिकों से 30 सितंबर तक बैंकों में इन्हें बदलने के लिए समय दिया है. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है. यानी एक बार में 2,000 रुपये के 10 नोट ही बदले जाएंगे. कोई भी एक बार में 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदल सकेगा. इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है.
क्लीन नोट पॉलिसी के तहत हुई नोटों की वापसी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत बंद करने का फैसला किया है. इस पॉलिसी के तहत आरबीआई धीरे-धीरे 2, बाजार से वापस ले लेगा. रिजर्व बैंक ने साल 2016 में नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोट को जारी किया था.
लंबे समय से नहीं हुई थी नोटों की छपाई
आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन मे कहा कि 2000 रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे. बता दें कि रिजर्व बैंक ने साल 2016 में नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए थे. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ.
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर हो गए थे. इन करेंसी की जगह रिजर्व बैंक ने 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे. रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था.