
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने बड़ा बदलाव किया है. पीएफ अकाउंट होल्डर्स अब 50 हजार की जगह 1 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं. केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर इस सप्ताह की शुरुआत में इसकी घोषणा की है. इसके साथ ही नियमों में एक और बदलाव किया गया है.
मनसुख मंडाविया ने कहा कि अगर आप EPFO अकाउंट होल्डर हैं और परिवार में कोई इमरजेंसी पड़ जाती है तो अब आप अधिक राशि निकाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि एकमुश्त राशि की सीमा को बढ़ा दिया गया है. साथ ही नौकरी शुरू होने के 6 महीने के भीतर ही निकासी की सुविधा दी गई है. पहले पीएफ अकाउंट होल्डर्स को लंबा इंतजार करना पड़ता था. यानी अगर वे 6 महीने के भीतर ही नौकरी छोड़ देते हैं तो भी अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकेंगे.
नए डिजिटल इंफ्रा की भी शुरुआत
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ईपीएफओ परिचालन को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए चुनौतियों को कम करना है. उन्होंने एक नए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत की घोषणा की, जो निकासी प्रक्रिया को सरल बनाता है और जल्दी पैसा निकालने की सुविधा देता है.
किन जरूरतों के लिए निकाल सकते हैं ये फंड
ईपीएफओ अपने अकाउंट होल्डर्स को कई तरह की सर्विस प्रोवाइड कराता है. पेंशन से लेकर मेडिकल या अन्य जरूरी कामों के लिए फंड निकासी की अनुमति देता है. इमरजेंसी फंड के तौर पर पीएफ से 50 हजार की जगह अब 1 लाख रुपये निकासी की अनुमति दे दी गई है, जिसका मतलब है कि आप मेडिकल, शादी, एजुकेशन या फैमिली के अन्य जरूरी कामों के लिए पीएफ से पैसा निकाल सकते हैं.
पीएफ अकाउंट से कैसे निकाल सकेंगे पैसे?
इस साल 8.25% का ब्याज
EPFO जैसे भविष्य निधि, संगठित क्षेत्र में 10 मिलियन से अधिक कर्मचारियों को रिटायरमेंट इनकम प्रोवाइड कराता है. ये फंड कामकाजी व्यक्तियों, विशेष रूप से सैलरीड मिडिल क्लास के लिए जीवन भर की सेविंग के प्राथमिक सोर्स के रूप में काम करते हैं. सेविंग पर ब्याज दर वर्तमान में EPFO द्वारा वित्तीय वर्ष 2024 के लिए 8.25 प्रतिशत तय की गई है.
गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा जैसी विभिन्न कर्मचारी-संबंधित योजनाओं की देखरेख करता है. EPFO द्वारा प्रबंधित प्राथमिक योजनाओं में से एक कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना है. सरकार ने अब नियमों को आसान बना दिया है और भविष्य निधि (पीएफ) खातों से एकमुश्त निकासी की सीमा बढ़ा दी है.