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प्राइवेट बैंक Yes Bank एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि अगला हफ्ता इस बैंक के बेहद अहम रहने वाला है. दरअसल, यस बैंक के निवेशकों के लिए लॉक-इन पीरियड 6 मार्च 2023 को खत्म होने जा रहा है.
साल-2020 में जब यस बैंक का फर्जीवाड़ा सामने आया, तो देश में हाहाकार मच गया था. आनन-फानन में आरबीआई ने यस बैंक के पुराने बोर्ड को भंग कर टेकओवर कर लिया था, ये मामला मार्च 2020 का है. फिर Yes Bank को उबारने का प्लान तैयार हुआ और देश के तमाम बैंक इस मुहिम में जुड़े.
यस बैंक में एसबीआई बिग स्टैक होल्डर
आर्थिक संकट से यस बैंक को निकालने में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI का अहम रोल रहा है. इसके अलावा ICICI Bank, एक्सिस बैंक, IDFC FIRST BANK, कोटक महिंद्रा बैंक और HDFC ने यस बैंक में पूंजी डालकर संकट से उबारा था. बेलआउट प्लान के नियमों के मुताबिक पूंजी डालने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए कुल खरीदे गए शेयरों में से 75 फीसदी तीन वर्ष तक होल्ड करना जरूरी था. रिटेल निवेशकों पर भी ये नियम लागू हुआ था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब खबर है कि लॉक-इन पीरियड खत्म होते ही एसबीआई यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है. यस बैंक में एसबीआई के लिए लॉक इन पीरियड 6 मार्च 2023 को खत्म होने जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक चरणबद्ध तरीके से यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को कम करने पर विचार कर रही है. हाालंकि हिस्सेदारी घटाने के लिए एसबीआई को आरबीआई से मंजूरी जरूरी है.
यस बैंक के वित्तीय स्थिति में सुधार
एसबीआई का फैसला ऐसे समय में आने की संभावना है, जब पिछली कुछ तिमाहियों में यस बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और निजी इक्विटी दिग्गज कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट ने यस बैंक में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी ले ली है.
बता दें, साल 2020 में एसबीआई ने यस बैंक को संकट के निकालने के लिए 49% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. लेकिन 31 दिसंबर 2022 को स्टॉक एक्सचेंज के पास जाम कराए गए जानकारी के मुताबिक यस बैंक में अब एसबीआई की करीब 26.14 फीसदी हिस्सेदारी है. हालांकि अभी भी SBI यस बैंक में सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर है.
यस बैंक के शेयर में गिरावट
यस बैंक के बेलआउट प्लान के मुताबिक पूंजी डालने की तारीख के 3 साल बाद तक एसबीआई 26 फीसदी से कम अपनी हिस्सेदारी नहीं घटा सकती है. SBI के अलावा यस बैंक में ICICI बैंक के पास 2.61 फीसदी, एक्सिस बैंक के पास 1.57 फीसदी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 1 फीसदी, एलआईसी के पास 4.34 फीसदी और HDFC के पास 3.48 फीसदी हिस्सेदारी है.
इस खबर के बाद गुरुवार को यस बैंक के शेयर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, कारोबार के अंत में शेयर 4.37 फीसदी की गिरावट के साथ 17.50 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक साल में शेयर ने उच्चतम स्तर 24.75 रुपये को छुआ, और 12.10 रुपये के न्यूनतम लेवल तक गया. (नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)