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New Rule: 'ये गहने हमारे नहीं' कहने पर होगा सीधा एक्शन! 1 जून से सोने की ज्वेलरी को लेकर बदलेगा नियम

2nd Phase Hallmarking: 1 जून से सोने की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण शुरू होगा. देश के अभी 256 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य हैं. एक जून से बढ़कर 288 जिलों में सोने के गहने की हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) अनिवार्य हो जाएगी.

सोने की शुद्धता को लेकर नया नियम सोने की शुद्धता को लेकर नया नियम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • 1 जून में देश के 288 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य
  • ज्वेलर को खरीद-बिक्री की देनी होगी पूरी जानकारी

देश में एक जून से कई अहम बदलाव होने जा रहे हैं. जिनमें से कई आपकी जेब और जिंदगी पर असर डाल सकता है. सोने की हॉलमार्किंग (Hallmarking) को लेकर भी नियमों में बदलाव होने जा रहा है. साथ ही देश के कई और हिस्सों में हॉलमार्किंग सेंटर (Hallmarking Centre) खोले जा रहे हैं.

दरअसल, 1 जून से सोने की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण शुरू होगा. देश के अभी 256 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य हैं. एक जून से बढ़कर 288 जिलों में सोने के गहने की हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) अनिवार्य हो जाएगी. यानी देश के 32 जिलों में एक जून नए से हॉलमार्किंग सेंटर्स खोले जाएंगे. जिसके बाद इन जिलों में भी 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट के गहने ही बेचे जा सकेंगे. हॉलमार्किंग शुल्क के रूप में ज्वेलर ग्राहक से हर सोने के आइटम पर अतिरिक्त केवल 35 रुपये चार्ज करेगा.

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ग्राहकों को सबसे ज्यादा फायदा
पहली जून से देश के 288 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी. हॉलमार्किंग का सबसे ज्यादा फायदा ग्राहकों को होने वाला है, और इससे ज्वेलर के फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगा. क्योंकि अब ज्वेलर ग्राहकों ये कहकर सोने की ज्वेलरी लेने से मना नहीं पाएगा कि ये गहने हमारे यहां के नहीं हैं. 

यही नहीं, ज्वेलर कोई ज्वेलरी (Jewellery) बेचने की पूरी जानकारी हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन (HUID number) पोर्टल पर देनी होगी. नई व्यवस्था के तहत गहने बनाने वाले से लेकर ज्वेलर और खरीदने वाले का नाम, वजन और दाम सबकुछ पोर्टल पर देने होगा. बनने से लेकर अंतिम खरीदार तक की सभी जानकारी पोर्टल पर होगी. 

सोने की हॉलमार्किंग को लेकर पैमाना

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की वेबसाइट के मुताबिक 6 शुद्धता श्रेणियों, जिसमें 14 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट, 22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के लिए सोने की हॉलमार्किंग की अनुमति है. इसी के तहत 1 जून 2022 से ज्वेलर केवल हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण ही बेच सकते हैं, चाहे उनकी शुद्धता कुछ भी हो. 

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अगर इस नियम के लागू होने के बाद भी ज्वेलरी में कोई गड़बड़ी पाई जाएगी, तो इसके लिए सीधे तौर पर ज्वेलर जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जाएगी. नई व्यवस्था के तहत टांके वाली ज्वेलरी की भी जांच हालमार्क सेंटर पर कराई जा सकती है. दूसरे चरण में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हॉलमार्किंग सेंटर खोले जा रहे हैं. 

क्या है हॉलमार्क?
सोने की शुद्धता को लेकर ग्राहकों के मन में सवाल रहता है. हॉलमार्क सोन की शुद्धता एक प्रमाण है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) सोने की शुद्धता और सुंदरता के प्रमाण पत्र पर मुहर लगाता है, जिसे हॉलमार्किंग कहा जाता है. सोने पर हॉलमार्किंग से पता चलता है कि आभूषण बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सोना शुद्धता के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करता है. 

 

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