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Fixed Deposit: एफडी ने दूर की बुढ़ापे की टेंशन! 5 साल में ही सीनियर सिटीजन को मिल गए इतने पैसे

देश में सीनियर सिटीजन के पास करीब 7.4 करोड़ फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट अकाउंट हैं, जिसमें कुल डिपॉजिट 34 लाख करोड़ रुपये है. यह वित्त वर्ष 2019 में 14 लाख करोड़ रुपये था.

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aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 17 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST

पिछले कुछ साल में भारतीय मार्केट तेजी से बढ़ा है, जिस कारण बैंकों में डिपॉजिट भी अच्‍छा हुआ है. वहीं RBI रेपो रेट स्थिर रहने से फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के ब्‍याज में भी शानदार उछाल हुई है. वहीं स्पेशल FD के तहत बैंकों ने सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) की रकम को दोगुना से ज्‍यादा किया है. एफडी में सीनियर सिटीजन के लिए ब्‍याज में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम के ब्‍याज में इजाफा भी है. 

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SBI र‍िसर्च इकोरैप रिपोर्ट का अनुमान है कि देश में सीनियर सिटीजन के पास करीब 7.4 करोड़ फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट अकाउंट हैं, जिसमें कुल डिपॉजिट 34 लाख करोड़ रुपये है. यह वित्त वर्ष 2019 में 14 लाख करोड़ रुपये था. फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में अनुमानित 41 मिलियन अकाउंट बढ़े हैं. पांच साल की अवधि में अकाउंट की संख्‍या में 81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 

डबल से ज्‍यादा हुई कमाई 
रिपोर्ट के मुताबिक, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) अकाउंट में बड़ी बढ़ोतरी होने मे साथ ही डिपॉजिट अमाउंट में भी इजाफा हुआ है. पांच साल में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में जमा रकम 143 फीसदी बढ़ी है. इसका मतलब है कि अगर किसी ने पांच साल के लिए 1 लाख रुपये फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में लगाया होगा तो उसे आज 2.43 लाख रुपये मिलते. यानी पांच साल में सीनियर सिटीजन की रकम दोगुना से भी ज्‍यादा हुई है. 

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आम निवेशकों से ज्‍यादा सीनियर सिटीजन को मिलता है ब्‍याज 
सीनियर सिटीजन के लिए फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर ब्‍याज आम जनता की तुलना में 50 बेसिस अंक ज्‍यादा दिया जाता है. वहीं  एसबीआई और एचडीएफसी जैसे बैंकों ने सीनियर सीटिजन को 75 बेसिस अंक ज्‍यादा ब्‍याज ऑफर किया है. इसके अलावा, SBI ग्रीन रुपी टर्म डिपॉजिट जैसी योजनाएं 2222 दिनों की अवधि के साथ 100 आधार अंक ज्‍यादा ब्‍याज प्रदान करती हैं.

RBI के फैसले से एफडी के बढ़े ब्‍याज 
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में, रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार सातवीं नीति बैठक है, जहां उसने नीति रेपो दर को अनचेंज रखने का विकल्प चुना है. फरवरी 2023 से दरें बरकरार रखने के बावजूद बैंक ब्याज दरें बढ़ाकर कस्‍टमर्स को डिपॉजिट के लिए लुभा रहे हैं. 

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