Advertisement

SGB Scheme 2023-24: मोदी सरकार से सस्ते में खरीदें सोना, लगातार दो बार मिलेंगे मौके, बस 4 दिन का इंतजार

Sovereign Gold Bond Scheme 2023-24 : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि खरीदार कम से कम एक ग्राम सोने में निवेश कर सकता है. इसके अलावा एक फाइनेंशियल ईयर में ज्यादा से ज्यादा 4 किलो सोना खरीदा जा सकता है.

सस्ते में सोना खरीदने का मौका देगी सरकार सस्ते में सोना खरीदने का मौका देगी सरकार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

सोने (Gold) में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए खास है. दरअसल, सरकार सस्ते में सोना खरीदने का दोहरा मौका दे रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की दो किश्तें जारी करने का फैसला किया गया है. वित्त मंत्रालय के मुताबकि, SGB Scheme 2023-24 की पहली सीरीज 19-23 जून तक और दूसरी सीरीज 11-15 सितंबर तक जारी रहेगी. 

Advertisement

एसजीबी स्कीम क्या होती है?
यह सरकार की तरफ से शुरू की गई एक खास पहल है. गोल्ड की फिजिकल मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना योजना नवंबर 2015 में लाई गई थी. सरकार की इस योजना के तहत बाजार से कम कीमत पर Gold में निवेश किया जा सकता है. इसमें किए गए निवेश की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है. 

इश्यू प्राइस ऐसे किया जाता है तय 
SGB Scheme की सीधा उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना है. इसका इश्यू प्राइस भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा, जो 999 शुद्धता वाले गोल्ड का क्लोजिंग प्राइस होगा उसके आधार पर तय किया जाएगा. साफ शब्दों में कहें तो गोल्ड बॉन्ड के दाम सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों के लिए आईबीजेए की तरफ से जारी 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के सिम्पल एवरेज के आधार पर तय होते हैं. 

Advertisement

ऑनलाइन खरीद पर अलग से मिलती है छूट 
इस स्कीम के तहत सरकार बाजार मूल्य से सस्ते में सोना तो बेचती ही है, बल्कि जो इन्वेस्टर गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं और डिजिटल माध्यम से पेमेंट भी करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त छूट भी दी जाती है. नियम के मुताबिक, ऑनलाइन खरीद करने वाले इन्वेस्टर्स को नॉमिनल वैल्यू पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलती है. ऐसे में उनका निवेश और भी फायदे का सौदा साबित हो जाता है. यहां बता दें कि SGB ​​के लिए ऑफलाइन पेमेंट कैश (अधिकतम 20,000 रुपये तक), डिमांड ड्राफ्ट, चेक के माध्यम से किया जा सकता है. 

कहां से खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड? 
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की ओर से ये गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) जारी करता है. ये बॉन्ड बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
 
सिर्फ 1 ग्राम सोने में निवेश कर सकेंगे
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि खरीदार कम से कम एक ग्राम सोने में निवेश कर सकता है. इसके अलावा किसी भी एक फाइनेंशियल ईयर में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा 4 किलो सोना खरीदा जा सकता है. अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्‍टों के लिए ये ये लिमिट 20 किलो तय की गई है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा समय-समय पर इसमें बदलाव किया जा सकता है. 

Advertisement

सब्सक्रिप्शन के लिए अप्लाई करते समय निवेशकों से एक सेल्फ-डिक्लेरेशन भी लिया जाएगा. इसके अलावा, ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा पहले एप्लिकेंट पर ही लागू होगी. सस्ते में सोना खरीदने की इस प्रक्रिया के दौरान केवाईसी नॉर्म्स बिल्कुल फिजिकल गोल्ड खरीदने की तरह ही होंगे. यानी वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन, या टैन/पासपोर्ट की जरूरत होगी.

मौजूदा रेट पर बेचने की सुविधा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत खरीदे गए सोने को मौजूदा रेट पर ही बेचने की सुविधा भी होती है.इस स्कीम की मैच्योरिटी अवधि आठ साल की तय की गई है. हालांकि, आप पांच साल में आप इसे बेचकर स्कीम से बाहर निकल सकते हैं. इन्वेस्टर्स को उनके निवेश पर 2.50 फीसदी की हिसाब से ब्याज दर का भुगतान किया जाता है. ध्यान रहे इन गोल्ड बॉन्ड को रेजिडेंट, एचयूएफ, ट्रस्टों, यूनिवर्सिटी और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया गया है. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement