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Air India की टूटी सीट से शिवराज हुए परेशान, पूर्व मंत्री ने टाटा से कह दी ये बात

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि मुझे उम्‍मीद थी कि टाटा के हाथ में Air India की कमान जाने के बाद इसकी स्थिति ठीक थी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?

एअर इंडिया एअर इंडिया
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 22 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

केंद्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एअर इंडिया की सीट को लेकर खूब सुनाया. केंद्रीय मंत्री ने एक्‍स प्‍लेटफॉर्म पर पोस्‍ट शेयर करते हुए कहा कि उन्हें भोपाल से दिल्ली की यात्रा के लिए एअर इंडिया की फ्लाइट AI436 में टिकट मिला था, जहां उन्हें सीट नंबर 8C आवंटित की गई, लेकिन जब वे अपनी सीट पर पहुंचे, तो देखा कि वह टूटी हुई थी और अंदर धंसी हुई थी, जिससे बैठना तकलीफदेह हो गया.

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शिवराज सिंह चौहान ने आगे लिखा है कि जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले जानकारी दी गई थी कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए, ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं. इस दौरान सहयात्रियों ने मुझसे आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदलकर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं, लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा.

'यात्रियों के साथ धोखा' 
शिवराज सिंह ने आगे कहा कि मुझे उम्‍मीद थी कि टाटा के हाथ में Air India की कमान जाने के बाद इसकी स्थिति ठीक थी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? अब इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एअर इंडिया की आलोचना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

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अपनी गुणवत्ता में करना होगा सुधार
उन्होंने टाटा समूह के तहत एअर इंडिया की सर्विस क्‍वालिटी के बारे में चिंता को उजागर करते हुए कहा, 'टाटा द्वारा @airindia के अधिग्रहण ने पूर्ण-सेवा एयरलाइनों में प्रतिस्पर्धा और कंज्‍यूमर के लिए ऑप्‍शन को कम करने की स्थिति पैदा कर दी है, जो एक अच्‍छी बात है. लेकिन अब ऐसे काम नहीं चलेगा. टाटा कंपनी को अपनी व्‍यवस्‍था अच्‍छी रखनी होगी. 

शिवराज सिंह चौहान की शिकायत ने एयर इंडिया की गुणवत्ता पर फिर से चिंताएं जगा दी हैं, सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने इसी तरह की निराशा जताई है. कुछ लोगों ने यात्रियों के साथ एयरलाइन उद्योग के व्यवहार की आलोचना की, जबकि अन्य ने बताया कि एअर इंडिया को टाटा को एक खराब स्थिति में सौंपा गया बताया. 

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