
पाकिस्तान (Pakistan) आज जिस दौर से गुजर रहा है, ठीक यही हालात पिछले साल पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) में भी दिखाई दिए थे. लंबे समय से चले आ रहे फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट और खराब नीतियों ने देश को इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट (Financial Crisis) देखने को मजबूर कर दिया. देश की स्थिति इस कदर खराब हुई कि दिवालिया घोषित हो गया. श्रीलंका के ताजा हालात कुछ खास नहीं बदले हैं. बिजली की कटौती से कारोबार चौपट है और महंगाई (Sri Lanka Inflation) अभी लोगों को भूखा रहने पर मजबूर कर रही है.
नए साल में भी हालत बदतर
चीनी कर्ज (China Debt) में फंसकर श्रीलंका धीरे-धीरे आर्थिक बदहाली की ओर बढ़ रहा था, लेकिन फिर कोरोना महामारी समेत अन्य बाहरी कारकों ने देश की सूरत ही बिगाड़ दी. विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के चलते जरूरी सामानों का आयात ठप पड़ गया, तो वहीं राजनीतिक गलियारों में ऐसा हंगामा मचा कि राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा. रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग ने हालातों को और बिगाड़ने का काम किया. नई उम्मीदों के साथ नया साल 2023 शुरू तो हुआ, लेकिन अभी भी श्रीलंका में खाद्य असुरक्षा, आजीविका पर संकट और सुरक्षा चिंताएं गहराई हुई हैं. इस संकट के जो विनाशकारी परिणाम देखने को मिले हैं, उनमें सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
बिजली कटौती की मार जारी
जिस तरह से बीते दिनों पाकिस्तान में ब्लैकआउट देखने को मिला था, ठीक उसी तरह का ऊर्जा संकट श्रीलंका (Sri Lanka Power Crisis) में भी देखने को मिला था. बिजली कटौती का आलम ये था कि दिन में 10-10 घंटे पावर सप्लाई कट की जा रही है. इसका सीधा असर पहले से बेहाल हो चुके कारोबारों पर पड़ रहा था. पुरानी रिपोर्ट्स की मानें तो बिजली के उत्पादन के लिए ईंधन की उपलब्धता नहीं होने से पूरे श्रीलंका में बिजली कटौती बढ़ाई गई थी. फिलहाल भी देश में बिजली कटौती (Sri Lanka Power Cut) चरम पर है और काम-धंधे ठप पड़े हैं.
छोटे कारोबारियों का हाल-बेहाल
श्रीलंका में बिजली कटौती खास तौर पर छोटे कारोबारियों के लिए महत्वपूर्ण समस्याएं पैदा कर रही है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग परिसंघ (COSMI) के संस्थापक अध्यक्ष नवाज राजाबदीन ने कहा है कि बिजली की ये कटौती जनरेटर तक पहुंच के बिना व्यवसायों को पंगु बना रही है. MSME सेक्टर श्रीलंका की इकोनॉमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जो देश की GDP और रोजगार में बड़ा योगदान देता है.
उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल उद्यमों की संख्या का 75 फीसदी एमएसएमई है और ये कारोबार करीब 45% रोजगार मुहैया कराते हैं. जीडीपी में एमएसएमई का योगदान लगभग 52% है. आर्थिक संकट के बीच पहले से ही संघर्ष कर रहे छोटे कारोबारों के लिए लगातार जारी बिजली कटौती बोझ और कठिनाइयों को बढ़ाने का काम कर रही है.
पिछले साल के मुकाबले घटी महंगाई
श्रीलंका में महंगाई की बात करें तो बीते साल की तुलना में फिलहाल महंगाई दर (Sri Lanka Inflation Rate) में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी ये इतनी ज्यादा है कि लोगों को पेट भरने के लाले पड़ रहे हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा किए गए नवीनतम खाद्य सुरक्षा सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों की कमी और उनकी बढ़ती कीमतों के कारण आबादी का एक हिस्सा अपनी दैनिक भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष करने को मजबूर है.
दिसंबर 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 33% परिवारों को उच्च खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा और 68% ने भोजन की मात्रा में कटौती करके गुजर बसर किया. सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के मुताबिक, CCPI बेस्ड हेडलाइन महंगाई दर फरवरी 2023 में सालाना आधार पर कम होकर 50.6% पर पहुंच गई है. इससे पहले जनवरी 2023 में ये 51.7% पर थी.
श्रीलंका में फूड रेट (7 मार्च 2023 का डेटा)
दूध - 420 रुपये लीटर
चावल- 227 रुपये किलो
अंडा- 48 रुपये पीस
चिकन- 1312 रुपये किलो
संतरा- 1082 रुपये किलो
आलू- 341 रुपये किलो
टमाटर- 412 रुपये किलो
इन देशों से ज्यादा है महंगाई दर
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स के द्वारा दुनिया के तमाम देशों की महंगाई दर की जारी लिस्ट के आधार पर देखें तो अर्जेंटीना और तुर्की के बाद श्रीलंका में महंगाई सबसे ज्यादा है. Argentina में महंगाई दर 98.8% और Turkey में 55.18% है. इसके अलावा, महंगाई के मामले में श्रीलंका, Pakistan (31.5%), Russia (11.8%), UK (10.1%), Italy (9.2%), Germany (8.7%) जैसे तमाम देशों से ज्यादा है.
IMF से मिल सकती है राहत
हालांकि, सात मार्च 2023 को देश के लिए एक अच्छी खबर ये आई कि चीन (China) ने श्रीलंका (Sri Lanka) के कर्ज पुनर्गठन को समर्थन देने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से देश को 2.9 अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने का रास्ता साफ हो गया है. वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को यह जानकारी शेयर की थी.