
अब हर उम्मीद टूटती जा रही है. फरवरी का महीना बीत गया, जो शेयर बाजार के निवेशकों के लिए सबसे बुरा महीना साबित हुआ. मार्च का आगाज भी कोहराम के साथ हुआ है. सोमवार को जब सेंसेक्स-निफ्टी ओपन हुए, तो निवेशकों के चेहरे खिले नजर आए. BSE Sensex अपने पिछले बंद 73,198.10 के मुकाबले 73,427.65 के लेवल पर खुला और मिनटों में 400 अंक से ज्यादा उछल गया. लेकिन ये खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई, और फिर बाजार भरा-भराकर गिर गया.
दरअसल, सोमवार को बाजार ओपनिंग से पहले गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) पॉजीटिव संकेत दे रहे थे. खुला भी बाजार ग्रीन जोन में, लेकिन फिर उसके बाद गिरावट हावी हो गया और निफ्टी गिरकर 22004 अंक तक पहुंच गया. अगर निफ्टी फिसलकर 22000 अंक के नीचे चला जाता तो गिरावट और बढ़ जाती है. हालांकि निफ्टी का 52 वीक लो 21,281.45 अंक है, जो मार्च-2024 का आंकड़ा है. ऐसे में टेक्निकल पैरामीटर पर अगर निफ्टी 22000 का लेवल तोड़ता है तो फिर 21000 अंक तक फिसल सकता है. यानी 22000 अंक निफ्टी के लिए एक मजबूत सपोर्ट का काम कर रहा है.
सोमवार दोपहर 2 बजे सेंसेक्स (Sensex) 59 अंब गिरकर 73,138 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 13 अंक गिरकर 22111 अंक पर कारोबार कर रहा था. हालांकि इस बीच निचले लेवल से बाजार में थोड़ी रिकवरी देखने को मिल रही है. बाजार में गिरावट के तीन प्रमुख कारण ये हैं...
1. FII की बिकवाली जारी
अगर बाजार में गिरावट के कारण देखें तो विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है, शुक्रवार 28 फरवरी को 11639 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले. साल 2025 में अब तक FII भारतीय बाजार से करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. वहीं भारतीय बाजार से पैसे निकालकर विदेशी निवेशक चीन के बाजार में लगा रहे हैं.
2. अब बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
मिडकैप और स्मॉल कैप कंपनियों में भारी गिरावट के बीच अब लॉर्जकैप शेयरों में बिकवाली बढ़ने लगी है. सोमवार को RIL और HDFC बैंक के शेयरों तगड़ी गिरावट दर्ज की गई है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर कारोबार के दौरान साढ़े 3 फीसदी तक फिसल गए. जबकि HDFC बैंक के शेयर में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई.
3. ग्लोबल सेंटीमेंट खराब
बाजार का सेंटीमेंट काफी खराब है. टैरिफ को लेकर अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला है, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी बातों पर अड़े हुए हैं, ऐसे में बाजार दबाव महसूस कर रहा है, हालांकि शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का माहौल था.