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नई नियुक्तियां? केवल 3% कंपनियां ने कहा- अगले 3 माह में होंगी भर्तियां

कोरोना संकट की वजह से बड़ी से बड़ी कंपनियां नई नियुक्तियां करने से बच रही हैं. भारत में नियुक्तियों या भर्तियों का परिदृश्य 15 साल के सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया है.

नौकरी पर संकट नौकरी पर संकट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST
  • सर्वे में देश भर की 813 कंपनियां हुईं शामिल
  • 7 फीसदी कंपनियां कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी करेंगी
  • 54 फीसदी ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं

कोरोना संकट की वजह से बड़ी से बड़ी कंपनियां नई नियुक्तियां करने से बच रही हैं. भारत में नियुक्तियों या भर्तियों का परिदृश्य 15 साल के सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया है. 800 से अधिक नियोक्ताओं के सर्वे में सिर्फ तीन फीसदी कंपनियां अगले तीन माह में नई नियुक्तियों की मंशा जताईं.

पीटीआई के मुताबिक आठ सितंबर को जारी मैनपावर ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वे में देशभर की 813 कंपनियों के विचार लिए गए हैं. सर्वे के अनुसार भारतीय नियोक्ता 2020 की पहली तिमाही में नियुक्तियों को लेकर सतर्कता का रुख अपना रहे हैं.

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नई नौकरियों में भारी कटौती

सर्वे के अनुसार 7 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. वहीं तीन प्रतिशत का कहना था कि वे कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेंगे. 54 प्रतिशत ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा. इन आंकड़ों को सीजनल बदलाव के हिसाब से समायोजित करने के बाद परिदृश्य सिर्फ तीन प्रतिशत ही बैठता है. यानी तीन सिर्फ तीन प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.

मैनपावर ग्रुप ने कहा, 'यह सर्वे 15 साल पहले शुरू किया गया था. नियुक्ति को लेकर धारणा 15 साल में सबसे कमजोर है. पिछली तिमाही से तुलना की जाए, तो यह स्थिर है. लेकिन अगर पिछले साल की समान अवधि से तुलना की जाए, तो इसमें 16 प्रतिशत अंक की गिरावट है.

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धीरे-धीरे स्थिति सुधरने की उम्मीद

सर्वे के अनुसार, छोटे आकार के संगठनों में नियुक्ति का परिदृश्य सबसे मजबूत है. उसके बाद मध्यम आकार और बड़े आकार के संगठनों का नंबर आता है. क्षेत्रों की बात जाए, तो उत्तर और पूर्वी क्षेत्र का परिदृश्य पश्चिम और दक्षिण की तुलना में अधिक सकारात्मक है.

मैनपावर ग्रुप इंडिया के समूह प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी का कहना है कि मौजूदा बाजार मांग के हिसाब से अपने आकार की प्रक्रिया के बाद अब कंपनियां उत्पादकता बढ़ाने, कर्मचारियों से नए कार्य, छुट्टियों पर गए कर्मचारियों को वापस बुलाने और प्रौद्योगिकी के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ये कारक तिमाही के दौरान रोजगार के रुख को प्रभावित करेंगे.

 

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