
शेयर बाजार (Share Market) में लगातार गिरावट से निवेशकों में हाहाकार मच गया है. सोमवार को लगातार 5वें दिन भारी गिरावट दर्ज की गई. इन पांच दिनों में सेंसेक्स 5.83% यानी 3,558 अंक गिर चुका है. जबकि इस दौरान निफ्टी में करीब 1200 अंकों की गिरावट आ चुकी है. अगर नुकसान की बात करें तो पिछले 5 सत्रों BSE पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में करीब 20 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. आइए जानते हैं कि बाजार में इस गिरावट की मुख्य वजहें क्या है?
1. विदेशी बाजारों में बिकवाली
पिछले हफ्ते अमेरिकी स्टॉक मार्केट (Stock Market) का सबसे बुरा हाल रहा. Dow Jones में लगातार गिरावट हावी है. दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत से अमेरिकी बाजार समेत दुनिया भर के बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है. यूएस फेड की पॉलिसी मीटिंग 25 और 26 जनवरी को होने वाली है. फेड पहले ही ऐलान कर चुका है कि इस साल ब्याज दरों में चार बार बदलाव होगा. बढ़ती महंगाई की वजह से फेड की पॉलिसी में सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.
2. टेक स्टॉक में भारी गिरावट
यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत के बीच सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी स्टॉक की पिटाई हो रही है. Apple, Microfost, Meta, Google और Amazon के शेयरों में गिरावट देखी जा है. जिसका असर दुनियाभर के बाजारों पर हो रहा है. क्योंकि अमेरिकी टेक कंपनियों में दुनियाभर के निवेशकों ने दांव लगाया है. अगर भारतीय बाजार की बात करें तो विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं.
3. कोरोना के बढ़ते मामले
भारत समेत दुनिया के कई देशों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले लगातार 3 लाख से ऊपर सामने आ रहे हैं. जिससे कई राज्यों में आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं. तमाम राज्यों ने या तो प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं या प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. प्रतिबंध से कुछ सेक्टर्स पर संकट फिर गहरा गया है.
4. तीसरी तिमाही में मुनाफे पर चोट
कोरोना महामारी की वजह से डिमांड में गिरावट देखी जा रही है. जिससे तीसरी तिमाही के नतीजे से भी माहौल बिगड़ रहा है. उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों के मुनाफे में दबाव देखा जा रहा है. खासकर भारतीय टेक कंपनियों के नतीजों में इसका असर दिख रहा है. हालांकि कंपनियों की आय उम्मीद के आसपास ही रही है. इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से भारतीय बाजार दबाव में है.
5. चुनाव भी एक फैक्टर
कोरोना संकट के बीच देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने रहे हैं. चुनाव नतीजे 10 मार्च को आएंगे. बाजार में इसका भी असर होने वाला है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड अहम राज्य हैं. यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है. हमेशा चुनाव नतीजों पर बाजार की नजर होती है.