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बैंकों में जमा 78000 करोड़ रुपये किसका? नहीं कर रहा है कोई क्लेम... कहीं आपके रिश्तेदार का तो नहीं?

वित्त वर्ष 2022 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट 32,934 करोड़ रुपये था, लेकिन इसकी तुलना में मार्च 2023 के अंत में यह राशि बढ़कर 42,272 करोड़ रुपये हो गई. इस अवधि के दौरान 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

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aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 04 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

भारत के बैंकों में अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट बढ़ता ही जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सालाना रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अनक्‍लेम अमाउंट में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये लावारिस है, जिसे क्‍लेम करने के लिए कोई नहीं है. मार्च 2023 तक डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में 62,225 करोड़ रुपये जमा थे. 

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हर साल बढ़ रहा अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट 
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट 32,934 करोड़ रुपये था, लेकिन इसकी तुलना में मार्च 2023 के अंत में यह राशि बढ़कर 42,272 करोड़ रुपये हो गई. इस अवधि के दौरान 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. इस बार आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट 26 फीसदी बढ़कर 78,213 करोड़ रुपये हो चुका है. 

क्या होता है अनक्‍लेम्‍ड डिपॉजिट?
आखिर ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposit) होता क्या है? दरअसल, अलग-अलग बैंक सालाना आधार पर अकाउंट्स रिव्यू करते हैं. इसमें ये पता भी लगाया जाता है कि ऐसे कौन-कौन से बैंक अकाउंट हैं, जिनमें किसी तरह का कोई ट्रांजेक्‍शन नहीं हुआ है. जब किसी डिपॉजिटर्स की ओर से बीते 10 साल के दौरान किसी अकाउंट में न तो कोई फंड डाला जाता है और न ही इसमें से कोई रकम निकाली जाती है तो इस दौरान अकाउंट में पड़ी रकम को अनक्लेम्ड डिपॉजिट माना जाता है. साथ ही बैंक इस अमाउंट को लेकर कस्‍टमर्स से संपर्क करने की कोशिश भी करते हैं. 

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बैंक आरबीआई को देते हैं जानकारी 
जिन अकाउंट में कोई दावेदार नहीं होता है तो उसकी जानकारी बैंकों की ओर से आरबीआई को दी जाती है. इसके बाद ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है.

RBI चलाता है अवेयरनेस कैम्‍पेन 
इस तरह के डिपॉजिट्स को लेकर RBI अवेयरनेस कैम्पेन चलाता रहता है, जिससे इसके कानूनी हकदारों का पता लगाया जा सके. बता दें इस तरह के अनक्लेम्ड डिपॉजिट बढ़ने के कई कारण भी हैं. इनमें से कुछ का जिक्र करें तो डिपॉजिटर की मौत हो गई है और उसका नॉमिनी दस्तावेजों में दर्ज न होने से उस अकाउंट में जमा रकम का कोई दावेदार नहीं मिलता. 

भारतीय रिजर्व बैंक चहता है कि अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट में कटौती हो. आरबीआई ने निर्देश दिया है कि यह अमाउंट उनके सही दावेदारों को वापस मिलनी चाहिए,  RBI द्वारा दिए गए निर्देश देश के सभी कमर्शियल बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और सभी सहकारी बैंकों पर 1 अप्रैल, 2024 से लागू हैं. Unclaimed Deposit के क्लेम के लिए आरबीआई ने UDGAM पोर्टल भी लॉन्च किया था. 

कैसे क्‍लेम करें अनक्‍लेम अमाउंट 
अगर आपके भी किसी रिश्‍तेदार या घर का अमाउंट लावारिस बैंक में पड़ा हुआ है तो आरबीआई के  UDGAM पोर्टल के जरिए इसे क्‍लेम कर सकते हैं. इस पोर्टल पर जाकर आसानी से जमा राशि को क्‍लेम किया जा सकता है.   UDGAM पोर्टल पर खुद को रजिस्‍टर्ड करने के बाद लॉगिन करके अनक्‍लेम अमाउंट चेक कर सकते हैं. साथ ही क्‍लेम भी कर सकते हैं या फिर संबंधित बैंक में जाकर भी संपर्क कर सकते हैं.  

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