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NPS पर टकराव... फिर UPS क्या बीच का रास्ता? अब सरकारी खजाने पर बढ़ेगा इतना बोझ

NPS में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14% होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने के बाद सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5% होगा.

1 अप्रैल 2025 से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए कैबिनेट ने बीते शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का मंजूरी दी है. इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. केंद्रीय कर्मचारियों को जन्माष्टमी (Janmashtami) से पहले केंद्र की ओर से ये बड़ा तोहफा दिया गया है. हालांकि, इस फैसले से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ने वाला है और पहले साल ही सरकार को अतिरिक्त 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने होंगे.  

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23 लाख कर्मियों को फायदा, सरकार का बढ़ेगा खर्च
यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस का लाभ देश के 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा और सुनिश्चित पेंशन मिलेगा. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम को लागू करने के बाद हर साल सरकारी खजाने पर 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पढ़ेगा. दरअसल, नई पेंशन स्कीम के लागू होने के साथ ही कर्मचारियों के लिए सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाएगा और इसकी भरपाई के लिए सरकार को मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी. 

कैसे बढ़ रहा सरकारी खजाने पर बोझ 
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते 24 अगस्त को यूपीएस का ऐलान करते हुए इससे जुड़ी तमाम जानकारियां शेयर की थीं. इसके मुताबिक, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14 फीसदी होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने के बाद सरकार का ये कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा. इस हिसाब से सरकारी खजाने पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ पहले साल 6250 करोड़ रुपये होगा. 

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UPS में क्या-क्या है खास? 
केंद्र के 23 लाख कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का लाभ मिलेगा, जिसके तहत कर्मचारी के 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्‍सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन दिया जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक सेवा देनी होगी. समय-समय पर इस तय पेंशन में महंगाई राहत (DR) का लाभ भी  जोड़ा जाएगा. कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली में से किसी एक योग्‍य सदस्‍य को कर्मचारी के पेंशन का 60 फीसदी हिस्‍सा दिया जाएगा, जबकि अगर किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 साल या उससे अधिक तक सर्विस की है तो उसे कम से कम पेंशन 10 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है.

नई स्कीम के अन्य और बड़े लाभों के बारे में बताएं तो यूपीएस के तहत ग्रेच्‍युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्‍त राशि भी दी जाएगी. इसका कैलकुलेशन कर्मचारियों के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्‍से के तौर पर किया जाएगा. इसमें ग्रेच्‍युटी की अमाउंट ओपीएस की तुलना में कम हो सकती है.

NPS कर्मचारी भी चुन सकते हैं UPS ऑप्शन  
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को मौजूदा नई पेंशन योजना और UPS के बीच चुनने का विकल्प दिया जाएगा. यानी NPS वाले भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं. अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं, तो नई स्कीम के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारी भी UPS को चुनने के पात्र होंगे और एनपीएस के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी एरियर का लाभ मिलेगा. केंद्रीय कर्मचारियों को NPS के तहत 800 करोड़ रुपये का बकाया देना होगा, अगर ये कर्मचारी UPS का ऑप्शन सेलेक्ट करते हैं, तो उन्हें ये बकाया राशि मिलेगी. 

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दरअसल, NPS को लेकर कर्मचारियों के बीच से लगातार विरोध के स्वर उठ रहे थे. जिसके बाद सरकार ने एक तरह से बीच का रास्ता निकालते हुए कर्मचारियों को OPS का विकल्प दिया है.

राज्यों में भी लागू होने लगा UPS
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान करने के साथ ही केंद्र की ओर से साफ कहा गया था कि राज्य सरकारें अपनी इच्छानुसार अपने कर्मचारियों के लिए भी UPS को लागू कर सकती हैं. इसका असर भी देखने को मिला है और केंद्र के ऐलान के बाद अगले दिन ही रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों के लिए यूपीएस को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि केंद्र की इस नई योजना को अपने राज्य में लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है.

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