
देश में जिस तरह से ओमिक्रोन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. वैसे-वैसे जनवरी-फरवरी में शादी करने वाले जोड़ों और उनके परिवारों की धड़कनें भी तेज हो रही हैं, क्योंकि इस दौरान अगर कोरोना की तीसरी लहर अपने पैर पसारती है तो बीते साल की तरह कई लोगों को अपनी शादी कैंसिल या आगे खिसकानी पड़ेगी. ऐसे में बीमा कंपनियों की Wedding Insurance Policy आपके फाइनेंशियल नुकसान को हैंडल करने में मदद कर सकती है. जानें इनके बारे में...
वेडिंग इंश्योरेंस इंडिया में नया कॉन्सेप्ट
भारत में शादियों का खर्च काफी ज्यादा होता है. इसमें विवाह घर, शामियाना, बैंड, खाना-पीना, गिफ्ट और रिश्तेदारों के आने-जाने, ठहरने पर होने वाले कई बड़े खर्च शामिल हैं. इसमें भी अधिकतर के लिए एडवांस पेमेंट करना होता है और पहले से बुकिंग करानी होती है. यानी कि शादी के कार्यक्रम से पहले ही बहुत सारा पैसा खर्च हो जाता है. विदेशों में शादी के खर्च को बीमा कवर देने का चलन बहुत पहले से है, लेकिन इंडिया में ये एक नया कॉन्सेप्ट है और कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद इसमें अचानक से इसकी मांग बढ़ी है.
देश में आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, फ्यूचर जनराली और एचडीएफसी अर्गो जैसी कई कंपनियां हैं जो इस तरह का बीमा कवर देती हैं.
किन परिस्थितियों में मिलता है वेडिंग इंश्योरेंस
आम तौर पर वेडिंग इंश्योरेंस आपको अलग-अलग परिस्थितियों में शादी कैंसिल होने की स्थिति में शादी पर होने वाले खर्चे के नुकसान से राहत देता है. वेडिंग इंश्योरेंस मुख्य तौर पर विवाह घर को नुकसान पहुंचने, चोरी हो जाने या दूल्हा-दुल्हन और उनके ब्लड रिलेशन में किसी की दुर्घटना में मृत्यु होने या अपंग होने के चलते शादी रद्द होने से हुए नुकसान को कवर किया जाता है.
अगर विवाह घर की संपत्ति को भूकंप, आग या किसी अन्य तरीके से सीधे नुकसान पहुंचता है, विवाह स्थल पर चोरी हो जाती है. दूल्हा-दुल्हन या जिसके नाम पर बीमा है उसकी मृत्यु हो जाती है या शादी की तय तारीख से करीब 10 दिन पहले किसी बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है या किसी दुर्घटना की वजह से शादी में शामिल नहीं होने की स्थिति में शादी रद्द होने पर बीमा सुरक्षाा मिलती है.
किन-किन खर्चों पर मिलता है बीमा कवर
अब बात कि शादी के किन-किन खर्चों पर बीमा कवर मिलता है, तो इनमें कार्ड छपवाने, वेन्यू के बुकिंग एडवांस, कैटर्स के बुकिंग एडवांस, डेकोरेशन और डीजे के बुकिंग एडवांस, होटल या ट्रैवल के बुकिंग एडवांस जैसे प्रमुख खर्चों पर बीमा कवर मिलता है.
किन बातों पर नहीं मिलता बीमा कवर
अगर आपकी शादी के दिन कोई हड़ताल या बंद होता है, आंतकवादी हमला होता है, दूल्हा या दुल्हन किडनैप हो जाते हैं. आपकी गलती की वजह से आपकी ट्रेन या फ्लाइट मिस हो जाती है, आपकी गाड़ी या ट्रांसपोर्ट सर्विस का ब्रेकडाउन हो जाता है या बीमित रहस्मय तरीके से गायब हो जाता है, और फिर शादी कैंसिल होती है तो बीमा कंपनी इसके नुकसान की भरपाई नहीं करती है. वहीं विवाह घर की संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की स्थिति में भी क्लेम नहीं मिलता है.
वेडिंग इंश्योरेंस के लिए आम तौर पर आपको बीमा राशि के करीब 0.7% से लेकर 2% तक का प्रीमियम देना होता है. वहीं शादी से जुड़ी लगभग हर छोटी-छोटी जानकारी बीमा कंपनी को देनी होती है.
कैसे मिलता है वेडिंग इंश्योरेंस का क्लेम
वेडिंग इंश्योरेंस का क्लेम लेने के लिए आपको बीमा कराते समय ही शादी से जुड़ी लगभग सारी डिटेल बीमा कंपनी को देनी होती है. अगर आपका नुकसान होता है तो आपको अपने नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को देनी होती है. चोरी होने की स्थिति में आपको पहले पुलिस रिपोर्ट करानी होती है और उसकी एक एफआईआर कॉपी बीमा कंपनी को देनी होती है. अगर आपका क्लेम सही है तो बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई कर देगी, नहीं तो आपको कोई राशि वापस नहीं मिलती है.
वेडिंग इंश्योरेंस लेने से पहले रखें ये ध्यान
वेडिंग इंश्योरेंस से जुड़े नियम लगभग सभी कंपनियों की पॉलिसी में समान तौर पर मिलते हैं. लेकिन कई बार अलग-अलग कंपनी की पॉलिसी में अंतर होता है. ऐसे में वेडिंग इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले आप उसके दस्तावेजों को अच्छे से पढ़ लें और ये पक्का कर लें कि किन चीजों के लिए किन परिस्थितियों में क्लेम मिलेगा.
ये भी पढ़ें: