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रतन टाटा (Ratan Tata) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, उनका नाम न केवल कारोबारी जगत, बल्कि लगभग हर बच्चे-बूढ़े और जवान को मालूम है. वे जितने बड़े बिजनेसमैन हैं, उतने ही दरियादिल इंसान भी है और इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं रतन टाटा का सामना एक बार एक गैंगस्टर (Ratan Tata Vs Gangster) से हुआ था, उसके डर से कंपनी के कर्मचारी डरे हुए थे, लेकिन Ratan Tata ने दृढ़ता से उसका मुकाबला किया और जीत हासिल की. एक पुराने वीडियो क्लिप में वे खुद इस घटना को बयां करते हुए नजर आ रहे हैं.
कोलंबिया बिजनेस स्कूल ने शेयर किया वीडियो
देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक Tata Group के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का एक पुराना वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल (Ratan Tata Viral Video) हो रहा है. ये वीडियो पहली बार साल 2015 में शेयर किया गया था, लेकिन अब एक बार फिर से कोलंबिया बिजनेस स्कूल (Columbia Business School) द्वारा पोस्ट किया गया है.
इसमें उन्होंने एक गैंगस्टर का सामना करने और उससे जीतने की पूरी घटना का जिक्र किया है. ये बाकया उस वक्त का है, जब रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन (Tata Sons Chairman) का पद संभाला था और इस जिम्मेदारी को उठाए हुए महज 15 दिन का समय बीता था.
चेयरमैन बनने के 15 दिन बाद बड़ी घटना
यह घटना साल 1980 के आस-पास की है. रतन टाटा के मुताबिक, एक गैंगस्टर उनकी कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) से रंगदारी बसूलने की कोशिश कर रहा था. Ratan Tata वीडियो में कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'मेरे चेयरमैन बनने के 15 दिन बाद, टाटा मोटर्स की यूनियन में बड़ा हंगामा देखने को मिला था. वहां एक बाहरी व्यक्ति था... एक गैंगस्टर, जो हमारी यूनियन पर कब्जा करना चाहता था और उसे नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहा था. उसके लगभग 200 अन्य लोग भी थे, जो बेहद ही हिंसक और डराने वाले थे.'
उन्होंने आगे बताया कि कंपनी में काम करने वाले करीब 4000 कर्मचारियों को इन लोगों से कोई लेना-देना नहीं था. रतन टाटा ने जोर देकर कहा कि कंपनी मैनेजमेंट ने उस समय अपने कर्मचारी संघ को हल्के में लिया था. उन्होंने दावा किया कि इस गैंगस्टर ने यूनियन पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए हड़ताल का आह्वान किया, जिससे टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा के डर से परिचालन बंद करना पड़ा था. उन्होंने आगे बताया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए वे खुद व्यक्तिगत रूप से कई दिनों तक प्लांट में रुके और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियां जारी रखने और प्रोडक्शन फिर से शुरू करने के लिए राजी कर लिया.
यूनियन पर कब्जे की थी तैयारी
रतन टाटा के मुताबिक, पूरा मामला यह था कि यह आदमी (गैंगस्टर) Tata Motors की यूनियन पर कब्ज़ा करना चाहता था और हम उसे ऐसा नहीं करने दे सकते थे, इसलिए हमने उसका सामना किया. उन्होंने घटना के हर एक पहलू को याद करते हुए कहा कि गैंगस्टर कथित तौर पर टाटा मोटर्स के लगभग 400 कर्मचारियों पर हमला करने के लिए अपने साथ लोगों को लाया था और पुलिस भी उसकी जेब में थी. हालांकि, इस सबसे बावजूद रतन टाटा मजबूती के साथ उसका सामना करने के लिए आगे खड़े रहे.
आसान रास्ता अपनाने से कर दिया मना
Tata Group के पूर्व चेयरमैन के मुताबिक, उस गैंगस्टर को खुश करने के लिए कुछ करने की बहुत सारी सलाह मुझे दी गई, लेकिन इसके बाद भी, मैंने दूसरा रास्ता चुना और उसका सामना करने का फैसला किया. रतन टाटा के मुताबिक, अगर वे ऐसा नहीं करते तो टाटा मोटर्स की यूनियन पूरी तरह एक गैंगस्टर यूनियन में बदल जाती. उन्होंने इन हालातों में कर्मचारियों को डरने के लिए दोषी नहीं ठहराया और गैंगस्टर को खुश करके का आसान रास्ता भी नहीं अपनाया. हौसले के साथ खड़े रहे Ratan Tata की दृढ़ता से आखिरकार वो गैंगस्टर पकड़ लिया गया.
'दूसरा तरीका शायद ना आता काम'
इस मामले में जो सबसे बड़ी बात सामने आती है, वह है कि ऐसी स्थिति में टाटा की दृढ़ता उनकी सफलता की कुंजी साबित हुई. उन्होंने गैंगस्टर की धमकियों के आगे झुकने से इनकार कर दिया और जिस चीज में उनका विश्वास था, उसके लिए खड़े रहे. उन्होंने प्लांट में रहकर और अपनी कंपनी के कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करके बहुत साहस दिखाया. रतन टाटा ने वीडियो के अंत में कहा कि 'मैंने इस काम को किसी दूसरे तरीके से कभी नहीं कर पाया होता.'