
प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट होल्डर इसमें जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज के इंतजार में हैं. मौजूदा वित्त वर्ष के खत्म होने में अब अधिक समय नहीं बचा है, लेकिन पीएफ का ब्याज लोगों के खाते में अभी तक ट्रांसफर नहीं हुआ है. खाताधारक ट्विटर पर ईपीएफओ से शिकायत कर रहे हैं. ऐसी ही एक शिकायत पर ईपीएफओ ने ब्याज की राशि ट्रांसफर को करने के संबंध में जबाव दिया है. बता दें कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को 8.1 फीसदी तय किया है.
खाते में जल्द आएगी राशि
ट्विटर पर जवाब देते हुए ईपीएफओ ने कहा कि ब्याज की राशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चलती रहती है. ये आपके खाते में जल्दी नजर आएगी. ब्याज की रकम का पेमेंट पूरा किया जाएगा. खाताधारक को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा. माना जा रहा है कि 6.5 करोड़ लोगों का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है. EPFO खाताधारकों का इंतजार लगातार लंबा हो रहा है. PF Interest का पैसा बीते कुछ सालों से खाताधारकों को समय पर नहीं मिल पा रहा है.
पीएफ के नियमों में बदलाव
पीएफ के नियमों में बदलाव की बात करें तो सरकार ने 1 फरवरी 2023 को देश का आम बजट पेश करते हुए ईपीएफ के पैसों की निकासी को लेकर राहत देने का ऐलान किया था. नए नियम के तहत अब PF में जमा पैसों की निकासी पर टीडीएस कटौती 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दी गई है. सरकार के इस फैसले से ऐसे पीएफ खाताधारकों को फायदा होगा जिनका पैन कार्ड उनके PF Account में अपडेट नहीं है. अभी तक अगर किसी का पैन कार्ड EPFO के रिकॉर्ड में अपडेटेड नहीं है, तो उसे पैसे निकालने पर 30 फीसदी की दर से टीडीएस का भुगतान करना पड़ता था.
सबसे कम ब्याज दर
मार्च 2022 में पीएफ अकाउंट में जमा पर मिलने वाले ब्याज की दर को 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया था. यह करीब 40 साल की सबसे कम ब्याज दर है. इससे पहले 1977-78 में ब्याज दर 8% तय की गई थी. इसके बाद से लगातार यह 8.25 फीसदी या उससे अधिक रही. वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 फीसदी, 2017-18 में 8.55 फीसदी, 2016-17 में 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी ब्याज मिलता था.
सैलरी से कितनी होती है कटौती?
किसी कर्मचारी की सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती EPF अकाउंट के लिए की जाती है. एम्प्लॉयर की तरफ से एंप्लाई की सैलरी में की गई कटौती का 8.33 फीसदी ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में, जबकि 3.67 फीसदी ईपीएफ में पहुंचता है. अपने खाते में आने वाले ब्याज के पैसों के बारे में जानकारी पाने के लिए सरकार ने कई तरह के विकल्प मुहैया कराए हैं.