
बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर बड़ा ऐलान हुआ है. सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. लेकिन अब कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि सरकार इसी हफ्ते संसद में नया आयकर कानून पेश करने वाली है, फिर उसमें क्या है? कब से न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव लागू होगा? और कब से 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा? आइए ऐसे सवालों के जवाब जानते हैं.
सवाल- न्यू टैक्स रिजीम 2025 से कब लागू होगा? या 12 लाख रुपये तक की आय पर कब से कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा?
जवाब- वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 1 अप्रैल 2025 से इनकम टैक्स में हुए बदलाव लागू हो जाएंगे. यानी अगले वित्त-वर्ष से टैक्सपेयर्स को इस बदलाव का लाभ मिलने लगेगा. वित्त वर्ष 2025-26 में आप 12 लाख की आय पर जीरो इनकम टैक्स का लाभ उठा पाएंगे.
सवाल- क्या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में जो बदलाव हुए हैं, उसके लिए नया आयकर कानून का इंतजार करना पड़ेगा, जो कि संसद में पेश होने वाला है?
जवाब- बिल्कुल नहीं, बजट में इनकम टैक्स में बदलाव को लेकर जो ऐलान हुए हैं, वो इस बजट के दौरान पास हो जाएगा, और अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे. उदाहरण के तौर न्यू टैक्स रिजीम में जो स्लैब बदले गए और 12 लाख तक की कमाई को इनकम टैक्स से बाहर रखा गया है. इस ऐलान को नया आयकर कानून से कोई लेना-देना नहीं है.
सवाल- फिर नया आयकर कानून में क्या है?
जवाब- नया आयकर कानून को बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा. यह एक नया कानून होगा, न कि मौजूदा अधिनियम में संशोधन.नया आयकर कानून लाने का मुख्य मकसद मौजूदा Income Tax Act, 1961 को आसान, स्पष्ट और समझने योग्य बनाना है. अगर इस बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है और सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाती हैं तो देश में इनकम टैक्स का नया कानून आ जाएगा.
देश में अभी 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है. बजट 2020 में सरकार ने इसी कानून के तहत एक नई टैक्स रिजीम लागू की थी. लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि देश में इनकम टैक्स कानून (Income Tax Rule) को बदलने की जरूरत है. इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी.
सवाल- नया आयकर कानून लागू होने से क्या होगा?
जवाब- टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना है, ताकि आम आदमी भी आसान भाषा में टैक्स सिस्टम को समझ पाएं. नया कानून इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि अभी टैक्स का जो कानून है, उसमें टैक्स संबंधी कई जटिलताएं हैं. नए कानून के तहत किसी बदलाव में इनकम कैलकुलेशन प्रोसेस को आसानी से समझ में आने वाले फॉर्मूले बनाए जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर की जगह सिंगल 'टैक्स ईयर' हो सकता है. कैपिटल गेन पर टैक्सेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए, अलग-अलग परिसंपत्ति में टैक्स में अंतर को समाप्त किया जा सकता है. आयकर कानून 1961 को 1 अप्रैल 1962 को लागू किया गया था, जिसे अब सरकार बदलना चाहती है.
सवाल- न्यू टैक्स रिजीम- 2025 फायदेमंद है तो फिर कब से टैक्सपेयर्स इसमें शिफ्ट हो सकते हैं?
जवाब- बजट में पेश न्यू टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर्स वित्त वर्ष 2025-26 से शिफ्त हो सकते हैं. क्योंकि ये बदलाव चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए नहीं है. अगर आप भी 12 लाख तक की कमाई पर करमुक्त का लाभ उठाना चाहते हैं तो 1 अप्रैल 2025 के बाद से इस रिजीम को चुन सकते हैं. खासकर ओल्ड टैक्स रिजीम वाले इसमें शिफ्ट हो सकते हैं, जिनकी आय 12.75 लाख रुपये तक है, क्योंकि इनको अब एक रुपया भी इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को केवल न्यू टैक्स रिजीम का चयन करना होगा.
सवाल- कैसे 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा?
जवाब- बजट में नए कर व्यवस्था के तहत अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी. स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये को मिलाकर देखा जाए, तो 12.75 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, यह छूट केवल वेतन पर लागू होगी. अन्य स्रोतों से होने वाली आय, जैसे कि पूंजीगत लाभ पर टैक्स जारी रहेगा.
सवाल- क्या न्यू टैक्स स्लैब-2025 फायदेमंद साबित होगा?
जवाब- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से अब एक करोड़ टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसका सीधा मतलब यह है कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी व्यक्ति को इनकम टैक्स नहीं देना होगा. CBDT के चेयरमैन रवि अग्रवाल के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में करीब 75 फीसदी अब तक न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं, और अब जब 12 लाख रुपये तक की आय को भी टैक्स फ्री कर दिया गया है, तो इसके बाद अब 90 फीसदी से 97 फीसदी टैक्सपेयर्स इस नई कर व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं.
सवाल- अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम किसके लिए फायदेमंद हो सकता है?
जवाब- अब पुरानी स्कीम केवल उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी चैप्टर 6-एक के अधीन डिडक्शन को क्लेम करता है. जो सैलरी क्लास में आता है, जिसको HRA मिलता हो, साथ ही होम लोन चुका रहा हो. यानी जो लोग इनकम टैक्स में लाइफ इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, घर का किराया, बच्चों के स्कूल फीस, होम लोन, मेडिकल इंश्योरेंस, NPS में निवेश करते हैं वो डिडक्शन का लाभ लेकर टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन अब 95 फीसदी से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएंगे.
सवाल- देश में कितने लोग इनकम टैक्स देते हैं?
जवाब- आंकलन वर्ष 2023-24 के इनकम टैक्स रिटर्न आंकड़ों के अनुसार, 7.54 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया था. इनमें से 5.89 करोड़ व्यक्तियों की सालाना सैलरी 7 लाख रुपये से कम थी. सरकार की मानें तो 12 लाख रुपये की नई छूट सीमा के अनुसार, टैक्स से छूट पाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 6.77 करोड़ हो जाएगी. इसका मतलब है कि अब 89.8% वेतनभोगी किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देंगे.
यही नहीं, अगर 12.75 लाख की सीमा को ध्यान में रखें, तो यह संख्या 6.92 करोड़ हो जाएगी, जिससे 91.7% वेतनभोगी टैक्स से मुक्त हो जाएंगे. इस फैसले से लगभग 1.5 करोड़ लोग, जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच है, उन्हें फायदा होगा. अब उन्हें अपनी सैलरी इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.