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फिर लगा झटका... रिटेल के बाद अब थोक महंगाई भी बढ़ी, लगातार चौथे महीने आया उछाल

WPI Rise In June : देश में थोक महंगाई दर एक बार फिर बढ़ गई है. सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, Wholesale Inflation मई महीने की तुलना में बढ़कर जून में 3.36 फीसदी हो गई है.

जून में फिर बढ़ी थोक महंगाई जून में फिर बढ़ी थोक महंगाई
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

देश में महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर झटका लगा है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index) बढ़कर 3.36 फीसदी पर पहुंच गई है. बीते चार महीने से लगातार WPI में इजाफा हो रहा है. इससे पहले मई महीने में WPI Inflation Rate 2.61 फीसदी था, जबकि सालभर पहले की समान महीने मे जून 2023 में ये आंकड़ा 4.18 फीसदी थी. 

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खाद्य पदार्थों पर महंगाई बढ़ी

अप्रैल 2024 में थोक महंगाई दर 1.26 फीसदी रही थी, जबकि इससे पहले मार्च महीने में ये आंकड़ा 0.53 फीसदी पर था. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए बयान के मुताबिक, थोक महंगाई में ये बढ़ोतरी इस महीने खाद्य पदार्थों के दाम, खाद्य पदार्थों के उत्पादन, कच्चे तेल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और अन्य चीजों की कीमतों में वृद्धि की वजह से दर्ज की गई है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो जून महीने में फूड आइटम्स पर महंगाई दर जून में 10.87 फीसदी बढ़ी है, जो कि इससे पहले मई महीने में 9.82 फीसदी थी. 

आलू और प्याज का बड़ा रोल

सब्जियों की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं. Vegetables की महंगाई दर जून में 38.76 फीसदी दर्ज की गई, जो कि मई में 32.42 फीसदी थी. इनमें प्याज की महंगाई दर 93.35 फीसदी, तो आलू पर महंगाई 66.37 फीसदी रही है. इसके अलावा दालों पर महंगाई बढ़ी है और ये उछलकर जून में 21.64 फीसदी हो गई है. नैचुरल गैस, मिनिरल ऑयल मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. 

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वहीं मंत्रालय द्वारा आंकड़ों के मुताबिक, जून 2024 में फ्यूल और पावर सेक्टर में महंगाई दर 1.03 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि मेन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर Inflation जून में 1.43 फीसदी रही, जो कि मई महीने में 0.78 फीसदी पर थी. 

रिटेल महंगाई में भी हुआ था इजाफा

देश की जनता को महंगाई का लगातार ये दूसरा झटका लगा है. इससे पहले सरकार की ओर से रिटेल महंगाई (Retail Inflation) के आंकड़े जारी किए गए थे, जो भी थोक महंगाई की तरह ही बढ़े थे. बीते 12 जुलाई को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें, तो CPI जून में 5.1 फीसदी पर पहुंच गई और ये इसके चार महीने का हाई है. 

क्या आरबीआई घटाएगा रेपो रेट? 

महंगाई दर (Inflation Rate) के आंकड़ों को ध्यान में रखकर ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट पर फैसला लेता है. अब जबकि रिटेल और थोक दोनों महंगाई दरों में इजाफा देखने को मिल रहा है, तो ऐसे में अगस्‍त में होने वाली RBI MPC Meeting में पॉलिसी रेट में कटौती की संभावना कम नजर आ रही है. बता दें कि केंद्रीय बैंक ने Repo Rate को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है. 

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