कोरोना क्राइसिस के इस दौर में हर कोई मदद के लिए आगे आना चाहता है. जिसकी जो क्षमता और हैसियत है, उसके मुताबिक मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं. इन हाथों के बीच मध्य प्रदेश के बैतूल में 6 साल की नन्हीं पीहू के हाथ उन मासूमों के लिए आगे बढ़े है जिन्हें बिस्किट और दूध की जरूरत है.
बैतूल के मुलताई थाने में अपनी 12 साल की मौसी माही के साथ 6 साल की पीहू एक हजार रुपये लेकर पहुंची. पीहू ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को रुपये देते हुए इस रकम का इस्तेमाल गरीब बच्चों को दूध, बिस्किट और मास्क के लिए करने की गुजारिश की. यह रकम पीहू ने अपनी गुल्लक में जमा की थी जिसे तोड़कर उसने यह रकम थाने लाकर पुलिसकर्मियों को सौंप दी.
आपको बता दें कि पीहू पहली कक्षा की छात्रा है. उसके पिता कृष्णा माहौर मुलताई के विवेकानंद वार्ड में रहते हैं. वे गुपचुप (फुल्की) बेचने का काम करते हैं. खास बात यह है कि टीवी पर लोगों को एक-दूसरे की मदद करते देख रही पीहू को भी मदद का यह जज्बा टीवी देखकर ही जागा.
बिना कोई प्रचार और शोर शराबे के उसने मां को अपनी हसरत बताई. मां ने भी बच्ची का गुल्लक तोड़ते हुए वीडियो बनाया और टिकटॉक पर अपलोड कर दिया. चूंकि वहां थाना पास में ही था इसलिए 6 साल की पीहू अपनी 12 साल की मौसी माही के साथ पैदल ही थाने पहुंच गई. थाने में पुलिसकर्मियों ने उससे पैसे लेकर रख लिए. थाने में बच्ची के फोटो भी पुलिसवालों ने खींचे.
आजतक की टीम ने जबब पीहू से बात की तो उसने बताया कि वह घर पर रोज टीवी में देख रही थी कि कैसे लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं तो उसने भी अपनी गुल्लक तोड़कर गरीबों की मदद का मन बनाया और गुल्लक तोड़ दी. पीहू के पिता कृष्णा की मानें तो उन्हें पता भी नहीं था कि बेटी गुल्लक तोड़कर पैसे देने थाने गई है. वह जब लौटी तो उसे पता चला. कृष्णा के मुताबिक उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है.