माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने कहा है कि जिस एंटीबॉडी कॉकटेल (REGN-COV2) से ट्रंप का इलाज किया गया है उसे 'कोरोना वायरस का इलाज' (Cure) नहीं कहा जा सकता. बिल गेट्स ने कहा है कि चूंकि यह दवा सभी मरीजों के लिए काम नहीं करती, इसलिए इसे कोरोना का इलाज नहीं कहा जा सकता.
foxbusiness.com की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल गेट्स ने कहा कि महामारी खत्म करने के लिए आखिरी लक्ष्य वैक्सीन की खोज ही है, लेकिन यह एंटीबॉडी ट्रीटमेंट कुछ मामलों में लाभकारी हो सकती है. बिल गेट्स ने कहा कि एंटीबॉडी कॉकटेल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब कोई आदमी कोरोना से पॉजिटिव हो, लक्षण सामने आएं और मरीज खतरे की स्थिति में पहुंच गया हो.
बता दें कि अमेरिकी कंपनी Regeneron ने चूहे के जरिए REGN-COV2 नाम की एंटीबॉडी कॉकटेल तैयार की है जिससे ट्रंप का ट्रीटमेंट किया गया. हालांकि, यह दवा अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है. हालांकि, इसका इस्तेमाल ब्रिटेन में ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है.
बिल गेट्स ने कहा कि अगर इमरजेंसी यूज के लिए इस एंटीबॉडी ट्रीटमेंट को समय से मंजूरी मिल जाती है तो इससे वैक्सीन के मुकाबले अधिक लोगों की जान बच सकती है. उन्होंने कहा कि खासकर अगर एंटीबॉडी की हल्की खुराक दी जाए.
गेट्स ने कहा कि ट्रंप को एंटीबॉडी कॉकटेल की 8 ग्राम की खुराक दी गई थी. वहीं, ट्रायल के दौरान 0.3 ग्राम से लेकर 0.7 ग्राम तक की खुराक का उपयोग किया जा रहा है.
बता दें कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से कोरोना वैक्सीन की खोज और उत्पादन के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं. वहीं बिल गेट्स ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि Regeneron और Eli Lilly की एंटीबॉडी ट्रीटमेंट को अगले कुछ महीने में इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी मिल जाएगी. हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से मंजूरी देने के समय को घटाने की अपील पर चेतावनी दी. उन्होंने राजनीतिक दबाव को गलत बताया.